Nawada News: भूखे हाथियों ने नवादा के गांव में मचाया आतंक, कच्चे घरों को तोड़कर खाया अनाज
नवादा के नावाडीह गांव में बुधवार की रात हाथियों के झुंड का आतंक देखने को मिला। हाथियों ने अपनी भूख मिटाने के लिए कई घरों को तोड़कर उसमें रखा अनाज खा लिया। यही नहीं हाथियों ने खेत में लगी फसल को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया। हाथियों के आतंक की वजह से गांव के लगभग 25 परिवार बेखर हो गए हैं।
संवाद सहयोगी, रजौली (नवादा)। प्रखंड के हरदिया पंचायत के फुलवरिया डैम के उस पार जंगली इलाके में बसे नावाडीह गांव में बुधवार की रात हाथियों के झुंड ने गांव में धावा बोल दिया। हाथियों ने अपनी भूख को मिटाने के लिए करीब छह घरों को गिराकर उसमें रखे अनाज खा लिए।
कैंप कर रही वन विभाग की टीम
गांव के ही बगल में एक खलिहान में कई किसानों की फसल रखी हुई थी उसे भी हाथियों ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। हालांकि, वन विभाग की टीम बुधवार की रात्रि हाथियों पर नजर रखने के लिए पूरी रात नावाडीह गांव में कैंप कर रही थी। इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों से बचने के तरीके भी बताए जा रहा थे।
हाथियों की संख्या ज्यादा
गांव वालों ने कहा कि हाथियों की संख्या इतनी अधिक है कि वन विभाग के जो कर्मी है उन्हें भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है। नावाडीह गांव के सुनील कुमार, दरोगी सिंह, मुकेश सिंह, रविंद्र सिंह, फागुन सिंह और कारू सिंह इन सभी का घर एक जगह था, जिसे हाथी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है।
ध्वस्त हुआ मिट्टी व फूस का मकान।
25 परिवार हुए बेखर
इन लोगों के पास अब न तो सोने के लिए घर बचा है और न ही खाने के लिए अनाज। हाथियों ने सब कुछ पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। हाथियों के आतंक से इनके 25 परिवार बेघर हो चुके हैं। रामचंद्र सिंह की एक बीघा में लगी अरहर की फसल को भी हाथियों ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है।
हाथियों के आतंक से क्षतिग्रस्त मकान।
वहीं, किशन सिंह के खलियान में रखी फसल को हाथी ने बर्बाद कर दिया है। हाथियों के आतंक से ग्रामीण भयभीत हैं। गांव के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं रात भर जाग रही हैं। इन्होंने वन विभाग से अनुरोध किया है कि हाथियों से उनके और उनके घर-खेतीबारी की सुरक्षा की जाए।
पानी की तलाश में जंगल से भटकते हाथियों की झूंड पर विभाग की पैनी नजर: डीएफओ
झारखंड के रास्ते करीब 20 की संख्या में हाथियों का झूंड रजौली जंगल इलाके में पहुंचा है। हर साल की तरह इस साल भी हाथियों का झुंड पानी की तलाश में इलाके में आ गया है। हरदिया इलाके में पानी की उपलब्धता को लेकर वे हर साल इधर पहुंच जाते हैं। वैसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से हाथियों पर वन विभाग के कर्मी नजर बनाए हुए हैं। उन्हें गया जिला की तरफ बढ़ने से रोका जा रहा है। आम लोगों को भी हाथियों से दूर रहने की सलाह दी गई है। वन विभाग के करीब 15 कर्मी गांव-कस्बे में रहकर हर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। वन विभाग की ओर से बाकुड़ा पश्चिम बंगाल की रेस्क्यू टीम को भी सूचना दी गई है। उन्हें आने में अभी एक से दो दिन का वक्त लगेगा। उम्मीद है कि एक दो दिन में हाथियों का झुंड वापस कोडरमा जंगल के रास्ते झारखंड में चला जाएगा। गांव के लोगों से अपील है कि हाथी की फोटो, वीडियो नहीं बनाएं। उन्हें छेड़ें नहीं, अन्यथा वह गुस्सा होकर ज्यादा उत्पाद और नुकसान पहुंचा सकता है।
कृष्णा श्रेष्ठ, जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी
क्षतिग्रस्त हुए घरों और फसलों के नुकसान का होगा आकलन
डीएफओ ने कहा कि कुछ लोग जंगल इलाके में अनाधिकृत रूप से बस गए हैं। उन्हें पूर्व में भी हटने के लिए कहा गया था। नावाडीह गांव में आबादी के बीच हुए घर, खेत की फसल को हुए नुकसान को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में आकलन किया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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