Bihar Politics: रजौली सीट से कई दावेदार मैदान में, टिकट की जद्दोजहद तेज; कोई पटना तो कोई दिल्ली दौड़ रहा
रजौली विधानसभा क्षेत्र में 2025 के चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा और राजद समेत कई दलों में टिकट की दौड़ शुरू हो चुकी है। भाजपा से सात और राजद से भी सात नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है। जन सुराज पार्टी से तीन लोगों ने भी तैयारी की है। बसपा और लोजपा जैसे दलों से भी कई नेता टिकट मांग रहे हैं।

अशोक कुमार, नवादा। नवादा जिले के रजौली विधानसभा क्षेत्र से 2025 के चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न दलों में टिकट की दौड़ शुरू हो चुकी है। भाजपा और राजद जैसे प्रमुख दलों से लेकर छोटे-छोटे राजनीतिक दलों तक, सभी अपने-अपने उम्मीदवारों को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा से इस बार सात दावेदार टिकट के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इनमें पूर्व प्रत्याशी, जिला और प्रखंड स्तर के पदाधिकारी तथा कुछ नए चेहरे भी शामिल हैं। सभी अपने स्तर से कार्यकर्ताओं को साधने और पार्टी नेतृत्व तक अपनी पैठ बनाने में जुटे हैं।
इसी तरह राजद खेमे में भी टिकट की होड़ मची है। पार्टी से सात नेताओं ने अपना दावा ठोक रखा है। इनमें पुराने प्रत्याशी, पूर्व मुखिया, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा चेहरे शामिल हैं। राजद कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा है कि इस बार पार्टी नेतृत्व स्थानीय समीकरण को देखते हुए उम्मीदवार तय करेगा।
वहीं, जन सुराज पार्टी से भी तीन लोगों ने मैदान में उतरने की तैयारी की है। पार्टी का दावा है कि इस बार जनता बदलाव के मूड में है और उन्हें बड़ा समर्थन मिलेगा।
इसके अलावा बसपा, लोजपा (रामविलास) तथा अन्य छोटे दलों से भी कई इच्छुक नेताओं ने टिकट की मांग शुरू कर दी है। इन दलों से कुल मिलाकर आधा दर्जन दावेदार सक्रिय बताए जा रहे हैं।
रजौली विधानसभा क्षेत्र में पिछला चुनाव जदयू, भाजपा और राजद के बीच कड़ा मुकाबला रहा था। हालांकि, इस बार गठबंधन की स्थिति को लेकर भी संशय है, जिससे टिकट की राजनीति और जटिल हो गई है। क्षेत्र के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 का चुनाव जातीय समीकरण, संगठन की पकड़ और प्रत्याशी की छवि पर निर्भर करेगा।
फिलहाल, टिकट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा में अभी समय है, लेकिन दावेदारों की सक्रियता और होड़ ने इलाके की राजनीति को पहले से ही गरमा दिया है। आने वाले दिनों में पार्टी नेतृत्व की बैठकें और केंद्रीय नेताओं की रणनीति यह तय करेगी कि किसके हाथ में रजौली के टिकट की चाबी जाती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।