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    Bihar Jamin Survey: जमीन मालिक ध्यान दें! बदलैन या दान की भूमि है तो क्या करें? सर्वे को लेकर आ गया नया निर्देश

    Updated: Thu, 12 Sep 2024 08:57 AM (IST)

    जमीन सर्वे को लेकर सरकार लगातार मुहिम चला रही है। अब प्रशासन की तरफ से नया निर्देश मिला है। जिसपर जमीन मालिकों को ध्यान देना जरूरी है। बताया गया है कि बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त अन्तर्गत भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार द्वारा रैयतों के लिए निर्देश दिये गए हैं। जमीन के मालिक निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर जाकर अलग-अलग प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सहयोगी, नवादा। Bihar Land Survey डीएम आशुतोष कुमार वर्मा और जिला बंदोबस्त पदाधिकारी मनोज कुमार भूस्वामियों की समस्याओं से अवगत हुए हैं। उन्होंने नागरिकों से धैर्य के साथ नियमों के पढ़कर सर्वेक्षण कार्य में सहयोग करने की अपील की है।

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    स्वघोषणा का प्रपत्र-02 रैयत या रैयत के वंशज द्वारा धारित भूमि को भरकर अपने अंचल के शिविर में जमा करना है या भू-अभिलेख एवं परिमाप की वेबसाईट dlrs.bihar.gov.in पर उसे अपलोड करना है।

    खतियानी रैयत या जमाबन्दी रैयत के वंशज स्वयं प्रपत्र-03 (i) में वंशावली तैयार कर अपने अंचल के शिविर में जमा कर सकते हैं या निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर अपलोड करें।

    इसके साथ राजस्व रसीद की छायाप्रति स्वघोषणा के साथ संलग्न करें। यदि क्रय, बदलैन या दान की भूमि है, तो दस्तावेज की छायाप्रति जमा कर सकते हैं। यदि जमीन से संबंधित सक्षम न्यायालय का आदेश है, तो आदेश की छायाप्रति भी दे सकते हैं।

    जिस जमीन की बन्दोबस्त की गई है या भू-दान प्रमाण पत्र या वासगीत पर्चा जारी किया गया है, तो उसकी छायाप्रति देनी है। यदि जमाबंदी वाली जमीन का मालिक जीवित हैं, तो केवल स्वघोषणा (प्रपत्र-02) देना है। उन्हें वंशावली नहीं देनी है।

    खतियान की सच्ची प्रतिलिपि जरूरी नहीं, दें ध्यान

    जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त के अन्तर्गत जमीन के मालिक को खतियान की सच्ची प्रतिलिपि जमा करना जरूरी नहीं है। यदि उनके पास पूर्व के सर्वेक्षण में विभाग द्वारा दिए गए खतियान की फोटो कॉपी उपलब्ध है, तो वे उसे भी जमा कर सकते हैं।

    साथ ही प्रपत्र-03(i) में वंशावली पर कार्यपालक दण्डाधिकारी या नोटरी पब्लिक के समक्ष शपथ करने की आवश्यकता नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को वंशावली पर संबंधित ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि से हस्ताक्षरित कराना भी जरूरी नहीं है।

    वे खुद वंशावली बनाकर उसकी स्वघोषणा करके शिविर में या विभागीय वेबसाईट पर अपलोड कर सकते हैं। बन्दोबस्त पदाधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया है कि किस्तवार प्रक्रम में अपने भू-खण्ड पर आपकी उपस्थिति अनिवार्य नहीं है।

    अगर आप स्वयं या आपका कोई विश्वस्त प्रतिनिधि जमीन पर उपस्थित रहता है तो सर्वे कर्मियों को पहचान में सुविधा होगी। जिन भू-स्वामियों के पास जमीन की अद्यतन रसीद या ऑनलाइन रसीद नहीं है, उसकी भी जरूरत नहीं है।

    बताया गया कि विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं का लाभ लेने के लिए वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/LRC पर उपलब्ध लिंक “नागरिक सेवाएं’’ पर क्लिक करके संबंधित सेवाओं का लाभ लेने की प्रक्रिया की जानकारी “नागरिक सुविधाओं के बारे में जानकारी’’ लिंक पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं।

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