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    Bihar Jamin Jamabandi: भूमि सर्वे के बीच जमाबंदी को लेकर आया नया अपडेट, नीतीश सरकार ने जमीन मालिकों को दी राहत

    Updated: Wed, 11 Sep 2024 03:17 PM (IST)

    बिहार में भूमि सर्वेक्षण के बीच जमाबंदी को लेकर नई जानकारी सामने आई है। नीतीश सरकार ने रैयतों को राहत देने के लिए अहम फैसला लिया है। अब अगर ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि तो तो ऑफलाइन कागजात दिखाने से सर्वे में कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं जमाबंदी अथवा खतियानी रैयत से भूमि खरीदने पर अगर दाखिल-खारिज नहीं है तो भी सर्वे किया जाएगा।

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    जमीन जमाबंदी को लेकर सरकार ने अहम फैसला किया है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अगर ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि रहती है तो ऑफलाइन सभी आवश्यक कागजात दिखाने पर सर्वे (Bihar Bhumi Survey 2024) का काम पूरा किया जाएगा। ऑनलाइन जमाबंदी में अगर त्रुटि सुधार नहीं भी हो रही या इसमें देरी होती है तो अंचलों में लगाए गए शिविर में ऑफलाइन मोड में कागजात दिखाने पर काम पूरा होगा।

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    इसके अलावा, किसी रैयत ने जमाबंदी अथवा खतियानी रैयत से भूमि खरीदी है और दाखिल-खारिज (Bihar Jamin Dakhil Kharij) नहीं भी हुआ है तो भी कागजात दिखाने पर सर्वे किया जाएगा। इसमें किसी प्रकार की परेशानी रैयतों को नहीं होगी। विशेष भूमि सर्वेक्षण में रैयतों की ओर से उठाई जा रही समस्याओं को विभाग ने गंभीरता से लिया है।

    अक्सर रैयतों के द्वारा शिकायत की जा रही थी कि जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) में त्रुटि है और सुधार नहीं हो रहा है। दाखिल-खारिज नहीं हुआ है, इससे सर्वे में परेशानी हो रही है। ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से इसका निदान निकालते हुए सभी जिलों को अवगत कराया गया है।

    जिला बंदोबस्त पदाधिकारी फिरोज अख्तर ने बताया कि सर्वे में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। रैयतों की शिकायत पर विभाग ने संज्ञान लेते हुए इसका निदान निकालते हुए गाइडलाइन जारी की है।

    उन्होंने कहा कि अगर जमाबंदी रैयत से भूमि नहीं खरीदी गई है और दाखिल-खारिज नहीं हुआ है तो इसके लिए भी विभाग की ओर से निदान निकालने की कवायद की जा रही है। ग्राम सभा के माध्यम से जागरूकता अभियान लगातार चल रहा है। रैयतों की जो समस्या है, उसका समाधान वहां भी किया जा रहा है।

    प्रपत्र टू में भूमि से संबंधित देनी होगी पूरी जानकारी

    बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि प्रपत्र टू घोषणा तिथि से ही अंचलों में लिए जा रहे हैं। इसमें जरूरी नहीं है कि ऑफलाइन ही भरकर जमा करें। इसे ऑनलाइन भरकर अपलोड करने की सुविधा दी गई है। यह खासकर दूसरे प्रदेशों में रहने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए सुविधा दी गई है। वैसे विशेष भूमि सर्वेक्षण का अधिकांश कार्य ऑनलाइन मोड में किया जा रहा है। इसके लिए किसी को बाहर से आने की आवश्यकता नहीं है।

    उन्होंने बताया कि भूमि सीमांकन के समय जब अमीन स्थल पर जाएंगे, उस समय रैयत अगर नहीं भी मौजूद रहते हैं तो उनके किसी परिचित के सामने सीमांकन का काम किया जाएगा। प्रपत्र टू में भूमि से संबंधित सभी जानकारी देनी होती है। वंशावली की समस्या समाप्त हो चुकी है। स्वघोषित वंशावली फॉर्म में भरकर देना है। इसके लिए सरपंच या पंचायत सचिव के दफ्तर का दरवाजा नहीं खटखटाना है।

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