Bihar Bus Strike: बसों का परिचालन ठप होने से बढ़ी यात्रियों की मुश्किलें, कंपकंपाती ठंड में इधर-उधर भटकने को हैं मजबूर
भारत सरकार के सड़क दुर्घटना संबंधी नए कानून से डरे सहमें बसों और ट्रकों के चालकों की हड़ताल का नवादा सहित बिहार के अलग-अलग हिस्से में जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। वाहनों का परिचालन ठप रहने से आम यात्री इस भीषण ठंड में कई तरह की परेशानियां सहने को मजबूर हो गए हैं। यात्री जगह-जगह बसों के आने का इंतजार करते दिख रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नवादा। भारत सरकार के सड़क दुर्घटना संबंधी नए कानून से डरे सहमें बसों और ट्रकों के चालकों की हड़ताल का नवादा जिले में जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। वाहनों का परिचालन ठप रहने से आम यात्री इस भीषण ठंड में कई तरह की परेशानियां सहने को मजबूर हो गए हैं।
वाहनों के पहिए पर लगा ब्रेक
नवादा शहर स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम से प्रतिदिन 32 बसें नवादा से पटना राजधानी चला करती हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से वह सभी आज ठप हैं। एक तरह से इन वाहनों के पहिए पर ब्रेक लग गया है।
इस संबंध में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के एक कर्मी रुदल यादव ने बताया कि देशभर की हड़ताल के मद्देनजर और बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर बसों का परिचालन रोका गया है। जगह-जगह यात्री सड़कों पर बसों के आने का इंतजार करते हुए देखे जा रहे हैं।
कुहासा और ठंड में परेशान हो रहे यात्री
इधर, नवादा जिले से होकर गुजरी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 20 (रजौली- बख्तियारपुर) की बात करें तो आज नहीं के बराबर ट्रक और बसें चल रही हैं।
ठंड के मौसम में अपने गंतव्य तक जाने वाले यात्री काफी परेशान हैं। नवादा से पटना जाने के लिए बस स्टैंड पहुंचे पटियाला के सुखबीर सिंह ने कहा कि उन्हें पटना से ट्रेन पड़कर अपने घर पटियाला जाना था।
वह जरूरी काम से नवादा आये थे। लेकिन बस ही नहीं मिल रही है। ऊपर से कुहासा और ठंड भी इन यात्रियों की परेशानी बढ़ाई हुए है। इधर, शहर में बड़े वाहनों का परिचालन ठप होने के साथ ही टोटो चालकों का भी परिचालन बंद करवाया जा रहा है।
आम शहर वासी अचानक इस तरह के विरोध प्रदर्शन और वाहन चालकों के हड़ताल को बहुत नहीं समझ पा रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि यह हड़ताल तीन दिनों तक रहेगी। असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में लेकर लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
सरकार के इस फैसले पर है नाराजगी
अनेक वाहन चालकों ने बताया कि सड़क दुर्घटना में किसी की मृत्यु होने पर उन्हें 5 साल का जेल भुगतना होगा। यह सरकार का निर्णय गलत है। वहीं 10 लाख रुपए जुर्माना की भी बात की चर्चा हो रही है।
चालकों का कहना है कि कोई भी ड्राइवर जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है। बहरहाल, नए साल के पहले दिन वाहनों का परिचालन ठप होने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई है। बस पड़ाव पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है।
चालकों ने सड़क जाम कर की नारेबाजी
नवादा के साथ-साथ दरभंगा का भी है। दरभंगा-मुजफ्फरपुर फोरलेन सहित दरभंगा-समस्तीपुर, दरभंगा-सीतामंढ़ी, बिरौल-सहरसा एसएच पूरी तरह से वीरान बनी रही है। लोग विभिन्न पार्क और धार्मिक स्थलों पर वाहन की सुविधा नहीं रहने के कारण नहीं पहुंच पाए।
दरभंगा-मुजफ्फरपुर फोरलेन पर जगह-जगह सड़क के किनारे ट्रक को लगाकर चालकों ने नारेबाजी की। जहानाबाद व अरवल में वाहन चालक हड़ताल पर चले गए हैं। जहानाबाद व अरवल बस स्टैंड से एक भी गाड़ी नहीं खुली। दोनों जगह चालकों ने सड़क जाम कर नारेबाजी भी की।
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