नालंदा नगर परिषद क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पैंतीस, एक भी को अपना भवन नहीं
सरकार एक तरफ शिक्षा को अलख जगाने के लिए तत्परता दिखा रही है। दूसरी ओर नगर परिषद हिलसा में 35 आंगनबाड़ी केंद्र पर करीब दो हजार से अधिक एक वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों किराए के आंगनबाड़ी केंद्र भवन में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। आंगनबाड़ी केंद्र पर प्रतिदिन बच्चों पढ़ने के लिए जाते हैं।

संवाद सहयोगी, हिलसा नालंदा। स्थानीय नगर परिषद क्षेत्र में पैंतीस संचालित आंगनबाड़ी केंद्र है। परंतु एक भी आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन नहीं है। 10 आंगनबाड़ी केंद्र जो सरकारी विद्यालय में चल रहा है। 25 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के मकान में संचालित हो रही है। दो आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन निर्माण कराने के लिए अंचला अधिकारी के पास जमीन स्वीकृत के लिए भेजा गया, वह भी विचाराधीन है।
विदित होकर सरकार एक तरफ शिक्षा को अलख जगाने के लिए तत्परता दिखा रही है। दूसरी ओर नगर परिषद हिलसा में 35 आंगनबाड़ी केंद्र पर करीब दो हजार से अधिक एक वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों किराए के आंगनबाड़ी केंद्र भवन में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। आंगनबाड़ी केंद्र पर प्रतिदिन बच्चों पढ़ने के लिए जाते हैं। परंतु अपना भवन नहीं रहने के कारण मकान मालिक से प्रतिदिन तू तू मैं मैं होता दिख रही है नगर परिषद क्षेत्र में 10 सरकारी विद्यालय में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है।
जहां समय के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र खुलता है और बंद होता है। हिलसा नगर परिषद क्षेत्र में दो आंगनबाड़ी केंद्र मियां बिगहा एवं खोरमपुर अपना भवन निर्माण करने के लिए चिन्हित किया गया है, अंचलाधिकारी के पास जमीन स्वीकृत करने के लिए भेज भी गया था। परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। किराए के भवन में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को एक हजार रुपए प्रति माह मिलता है। परंतु किराया समय पर नहीं मिलने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका एवं मकान मालिक के साथ कहां -सुनी होता रहता है, जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्र पर पढने वाले बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ रहा

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