राजगीर में श्रीलंकाई पर्यटक की मौत, विश्व शांति स्तूप भ्रमण के दौरान हुआ हादसा
राजगीर में एक दुखद घटना में श्रीलंका से आए 74 वर्षीय पर्यटक पराना मैननागे की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। वे विश्व शांति स्तूप की सीढ़ियाँ चढ़ते समय बेहोश हो गए थे। डॉक्टरों ने अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को श्रीलंका भेजने की व्यवस्था की।

संवाद सहयोगी, राजगीर(नालंदा)। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर में सोमवार को एक दुखद घटना सामने आई। श्रीलंका के 74 वर्षीय पर्यटक पराना मैननागे की मौत हो गई। घटना राजगीर थाना क्षेत्र के आकाशीय रज्जू पथ पर हुई।
जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ समय से 87 सदस्यीय श्रीलंकाई पर्यटकों की टीम भारत दौरे पर है। टीम बनारस और बोधगया की यात्रा के बाद आज सुबह राजगीर भ्रमण के लिए आई थी। इसी दौरान वे विश्व शांति स्तूप का दर्शन कर रहे थे।
विश्व शांति स्तूप तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों से चढ़ाई करते समय पराना मैननागे अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। उनके साथ आए पर्यटकों ने तुरंत सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास असफल रहा। उन्हें रोपवे प्रबंधक के कर्मियों की मदद से राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
राजगीर थाना अध्यक्ष रमन कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मौत का कारण हार्ट अटैक हो सकता है। मृतक का शव उनके साथ आए सहयोगियों को सुपुर्द कर दिया गया है और इसे श्रीलंका भेजने की तैयारियां की जा रही हैं।
मरने वाला व्यक्ति श्री लंका के कोलंबो स्थित किरुलापोन थानाक्षेत्र के 145/28 सी-हाईलेवल रोड स्व पराना मैनाज के 67 वर्षीय पुत्र निवासी धनपाल के रुप में की गई है।
घटना की जानकारी रोप वे प्रबंधक द्वारा दी गई। तब फौरन अस्पताल से रोप वे एंबुलेंस भेजकर श्री लंकाई पर्यटक को अस्पताल लाया गया। लेकिन तब तक वे दम तोड़ चुके थे।
डॉ गौरव, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडलीय अस्पताल राजगीर
श्री लंकाई टीम में शामिल धनपाल बोधगया से भ्रमण करते हुए, सोमवार को राजगीर पहुंचे थे। और जिनकी गृद्धकूट पर्वत की सीढ़ियां चढ़ते वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई। उन्होंने बताया की पुलिस द्वारा विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए शव टीम को सौंप दिया जा रहा है।
रमण कुमार, थानाध्यक्ष
सूचना मिलते हीं अस्पताल पहुंचा। और श्री लंकाई टीम का सहयोग तथा विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई के तहत, शव को श्री लंका भेजने की प्रक्रिया की कवायद तेज गति से संपन्न कराया। जिसमें शव को एंबुलेंस से दिल्ली एयरपोर्ट तथा वहां से श्री लंका भेजने की प्रक्रिया की गई। जिससे मृतक का शव उनके स्वजनों तक सही समय पर पहुंचाया जा सके।
डॉ महेंद्र चंद्र, नालन्दा स्थित श्री लंकाई बौद्ध मठ के भंते
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।