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    राजगीर बौद्ध सर्किट फोरलेन का काम शुरू होते ही भड़के किसान, उचित मुआवजा नहीं तो जमीन नहीं देने की हुंकार

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 06:34 PM (IST)

    राजगीर को बौद्ध सर्किट मार्ग से जोड़ने वाली फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य शुरू होते ही सिलाव के किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। किसान भूमि अधिग्रहण के ल ...और पढ़ें

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    राजगीर बौद्ध सर्किट फोरलेन का काम शुरू

    संवाद सूत्र, जागरण, सिलाव। पर्यटक शहर राजगीर को बौद्ध सर्किट मार्ग से जोड़ने के लिए फोरलेंन सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया है, जिससे नालन्दा में पर्यटन को गति मिलेगी। प्रस्तावित योजना के तहत नूरसराय–अहियापुर–सिलाव होकर एनएच-82 (सालेपुर) से राजगीर तक फोर-लेन हाईवे निर्माण किया जाना है,जिससे पटना से राजगीर की यात्रा अधिक सुगम, तीव्र और सुरक्षित हो सकेगी।

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    परियोजना में सिलाव अंचल के अंतर्गत सिलाव मौजा ,नगर क्षेत्र का जमीन भी आती है लेकिन कार्य शुरू होते ही सिलाव मौजा के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दी है।  

    सरकार के द्वारा धोखाधड़ी करने का आरोप

    सिलाव मौजा के किसान राजेश कुमार, जनार्दन सिंह, पंकज कुमार, अनुराग पांडेय, विनोद पांडेय, अनुज सिंह, बीरबल सिंह, मुन्ना पांडेय, सतीश सिंह सहित अन्य किसानों का कहना है कि अभी तक हम लोगों के भूमि का अवार्ड भी नही दिया गया है और कार्य शुरू करना बिल्कुल ही गलत है। जो किसानों के साथ सरकार के द्वारा धोखाधड़ी की जा रही है। 

    किसानों ने कहा कि जो मुआवजा राशि सरकार ने निर्धारित किया है वह अंश मात्र है, बौद्ध सर्किट मार्ग के लिए जो जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है यह शहरी क्षेत्र में है। सिलाव नगर पंचायत के वार्ड नंबर 02 ,वार्ड नंबर 04 और वार्ड नंबर 05 में जमीन ली जा रही है। 

    तीनों वार्ड की जमीन का न्यूनतम सरकारी मूल्य सरकार द्वारा निर्धारित है, उसी के आधार पर हमारा मुआवजा दिया जाए, ना की मनमानी दर से। अभी जो मुआवजा निर्धारित किया गया है वह मिलने वाले मुआवजा का लगभग दसवां भाग है।

    जमीन पर काम करने देने की धमकी

    वर्ष 2018 में भी इसी मौजे की जमीन नूरसराय राजगीर पथ के लिये अधिग्रहण किया गया था, उस समय मुआवजा की राशि 3 लाख 59 हजार रुपया प्रति डिसमिल दिया गया था, लेकिन 7 साल बाद जब अधिग्रहण की जा रही है तो मात्र 82 हजार रुपए मुआवजा प्रति डिसमिल देने का प्रावधान किया गया है, जो हम लोगों को मंजूर नहीं है, जब तक सरकार उचित मुआवजा नहीं देता है ,तब तक किसी कीमत पर जमीन पर कार्य करने नहीं देंगे।

    किसानों का आक्रोश देख अपर जिला भूअर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन और संवेदक बापस हो गए। उनसे जब सवाल किया गया कि जब मुआवजा नहीं मिला है तो कार्य क्यों शुरू की गई है,तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं इस मामले में कोई बयान देने के लिये अधिकृत नहीं हूं। 

    वहीं किसानों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पुलिस फोर्स के साथ अब कार्य शुरू होगी,वहीं किसानों ने भी दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि उचित मुआवजा दिए बगैर पुलिस फोर्स का सहारा लिया गया तो हमलोग जहर खाकर आत्महत्या कर लेंगे। लेकिन जमीन नहीं देंगे ।