गोसाई बिगहा में सड़क नहीं, कैसे चलेंगे लोग
नालंदा। आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी आज तक प्रखण्ड के गोसाई बिगहा गांव सड़क निमा
नालंदा। आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी आज तक प्रखण्ड के गोसाई बिगहा गांव सड़क निर्माण की राह देख रहा है। इस गांव की आबादी लगभग तीन हजार है। यहां दलित, महादलित की भी अच्छी संख्या है बावजूद सड़क के नाम पर सिर्फ कच्ची अलंग है। गोसाई बिगहा गांव से हरनौत बाजार जाने के लिए लोगों को तीन किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। जबकि इस गांव से खरूआरा के पास एनएच 31 तक पुल व सड़क बना दिया जाय तो आधा किलोमीटर दूरी ही रह जाएगा। ग्रामीण रविन्द्र ¨सह ने बताया कि नदी में पुल बनाने में खरूआरा गांव के लोगों का कुछ जमीन जाता है। लेकिन वे लोग जमीन देना नहीं चाहते हैं। हालांकि जमीन खरीदने के लिए गांव के लोग पांच कट्ठा जमीन के बदले पांच लाख आपस में ही चंदा कर जमा कर देने को तैयार हैं। पुल नहीं बनने से गुस्साए मतदाताओं ने पुल नहीं तो वोट नहीं के नारे को लेकर एक बार मतदान का बहिष्कार भी किया था। बावजूद स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हो पाया। ग्रामीणों ने बताया कि पुल बनाने को लेकर चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों को कई बार कहा गया। बावजूद अभी तक पुल नहीं बन सका। विगत एक दशक में इस गांव के दर्जन भर लोगों की जाने नदी पार करने के दौरान गई है। यहां अब तक सरकारी नाव भी नहीं दिया गया है। गांव के लोग लोहे के ड्राम पर सवार होकर रस्सी के सहारे नदी पार करते हैं। बुधवार के दिन भी आठ वर्षीय रजनीकांत की मौत मुहाने नदी में डूबने से हो गई है। प्रत्येक वर्ष गोसाई बिगहा के किसी न किसी की मौत नदी में डूबने से हो जाती है। मुनकी देवी ने बताया कि गांव के लोग पानी में डूबने की घटना को अपना भाग्य मानकर चलते हैं। सरकार की अनदेखी के कारण ऐसी घटना हर साल घटती है।
क्या कहते हैं क्षेत्रीय विधायक
विधायक हरिनारायण ¨सह ने कहा कि गोसाई बिगहा गांव के लिए पौने दो करोड़ की लागत से सड़क व पुल निर्माण का टेंडर डेढ़ वर्ष पूर्व हो गया है। लेकिन कुछ लोगों की निजी जमीन आड़े आ जाने से कार्य पें¨डग है जिससे अबतक पुल सड़क का निर्माण नहीं किया जा सका है। सीओसीओ उमेश कुमार ने कहा कि ग्रामीणों के लिए यह एक गम्भीर समस्या है। सड़क के आभाव में उन्हें वास्तव में परेशानी हो रही है। बाढ़ के जल के कारण पूरा अलंग डूबा है गंभीरता देखते हुए गुरुवार को एक नाव दे दिया गया है।
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