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    नीतीश कुमार पालेंगे गाय, बिहार के मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले गांव के लोगों से जाहिर की थी इच्छा

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 10:54 PM (IST)

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजना अफने गांव में गाय पालने की है। गांव में गाय पालने की सीएम ने पहले जताई थी। चारे की व्यवस्था मुख्यमंत्री के अपने ही खेत से हो जाएगी। गायें कब आएंगीं इसकी तिथि या महीना अभी तय नहीं है।

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    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गाय पालेंगे।

    राकेश कुमार वीरेंद्र,  हरनौत (नालंदा) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिश्ता गांव, गाय और गोबर से आज भी अटूट है। खेती और किसानी को वे आज भी नहीं भूले हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजना पैतृक गांव कल्याण बिगहा में गाय पालने की है। सीएम के पुराने और जर्जर कच्चे पैतृक आवास को ग्रामीणों के सहयोग से पक्का कर लिया गया है। उसी में गोशाला भी बनाई गई है। लेकिन गायें कब आएंगीं, इसकी तिथि या महीना अभी तय नहीं है।

    चारे की व्यवस्था सीएम के खेत से होगी

    ग्रामीण अवधेश सिंह ने बताया कि साहब (मुख्यमंत्री) ने गांव में गाय पालने की इच्छा जताई थी। इसलिए गोशाला का निर्माण कराया गया है। चारे की व्यवस्था मुख्यमंत्री के अपने ही खेत से हो जाएगी। दूध की मार्केटिंग के लिए गांव में ही सहकारी समिति है। दर्जन भर गाय पालनी है। उपयोग के बाद बचा दूध गांव की सहकारी समिति को बेचा जाएगा। 

    गाय पालने की तैयारी पूरी कर ली गई

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    अवधेश सिंह के अनुसार, समिति में दूध बिक्री की दर से भी सीएम को अवगत करा दिया गया है। सीएम के घर की चाबी रखने वाले रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि गाय पालने की तैयारी पूरी कर ली गई है। बस, गायों का इंतजार है। रजनीश ने बताया कि तत्काल यहां दस गाय रखनी है। हालांकि, गोशाला की क्षमता इससे अधिक की है।

    जब भी आते, खेती का जिक्र करते हैं सीएम

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संयुक्त परिवार में 18-20 बीघे के किसान हैं। खेती पट्टे पर है। जब भी गांव आते हैं, खेती का हाल पूछने से नहीं चूकते हैं। वे मां, पिता और पत्नी की पुण्यतिथि पर गांव आते ही हैं। ग्रामीण अवधेश सिंह के अनुसार, साहब (मुख्यमंत्री) को खेती से गहरा लगाव है। वे किसानों की भलाई की बात करते हैं। यही वजह थी कि जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री बने थे तो देश में पहली बार कृषि रोड मैप बनाए गए थे। सीएम स्वयं कई बार अपने बड़े भाई सतीश कुमार से भी आग्रह कर चुके हैं कि उन्हें खेती-किसानी करनी चाहिए। सीएम के कुछ प्लाट के हिस्से सड़क निर्माण और अन्य सरकारी निर्माण में चले गए हैं।