सरकार की नजर में बिहारशरीफ अनुमंडल में नहीं है सुखाड़, अब मरहम लगा रहा कृषि विभाग
बिहारशरीफ। जिले के बस 11 प्रखंड सुखाड़ की मार झेल रहे हैं और शेष 9 प्रखंड खुशहाल हैं। यह हम नहीं कह र
बिहारशरीफ। जिले के बस 11 प्रखंड सुखाड़ की मार झेल रहे हैं और शेष 9 प्रखंड खुशहाल हैं। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि यह सरकार के अफसरों के सर्वे का नतीजा है। सरकार ने बिहारशरीफ अनुमंडल के सभी सात प्रखंड सहित राजगीर व नगरनौसा प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र नहीं घोषित किया है। इससे इन प्रखंडों के किसान नाराज हैं। जागरण ने जब इस संबंध में कुछ किसानों से बात की तो उन्होंने खुल कर कहा कि जिन विधायकों की सरकार में चलती है, उसी के क्षेत्र को सरकार ने सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया है। यहां बता दें कि बिहारशरीफ अनुमंडल में सात प्रखंड आते हैं। इसमें बिहारशरीफ, हरनौत, रहुई, नूरसराय, अस्थावां, बिन्द, सरमेरा शामिल हैं, जिन्हें सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने से परहेज किया गया है। उसी प्रकार राजगीर एवं नगरनौसा को भी छोड़ दिया गया है जबकि सुखाड़ क्षेत्र में गिरियक, वेन, इस्लामपुर, चंडी, एकंगरसराय, थरथरी, करायपरसुराय, कतरीसराय, हिलसा, सिलाव व परबलपुर शामिल हैं। इन प्रखंडों में मालगुजारी, कृषि संयंत्रों के बिजली बिल व सहकारिता ऋण की वसूली पर सरकार ने रोक लगा दी है। यहां बता दें कि जिले के अधिकांश प्रखंड में वर्षापात औसत से कम रिकार्ड की गई थी। जिला लगातार कई वर्षो से बारिश की कमी से जूझ रहा है। इसका असर सभी प्रखंडों पर एक समान पड़ा है। विभाग छूटे हुए प्रखंडों का कर रहा सर्वे, नुकसान दिखा तो मिलेगा मुआवजा: इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी विभु विद्यार्थी का कहना है कि पटना में उच्च अधिकारियों को वर्षापात की स्थिति की दैनिक रिपोर्ट दी जाती थी। शायद उसी के आधार पर सरकार ने सुखाड़ क्षेत्र की घोषणा की है। अभी विभाग के स्तर पर सुख रही फसलों का आकलन किया जा रहा है। अगर छूटे हुए प्रखंडों में फसलें सुखाड़ से प्रभावित पाई गईं तो उन किसानों को फसल क्षति का अनुदान दिया जाएगा। फसल क्षति का लाभ एलपीसी के आधार पर ही मिलना है। इसके लिए डीएम ने किसानों को एलपीसी निर्गत करने के लिए अलग-अलग अंचल में कैंप लगाने का निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी के तहत सोमवार को इस्लामपुर प्रखंड में डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम की मौजूदगी में एलपीसी निर्गत करने के लिए कैंप लगा था।
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