Muzaffarpur News : मातृ-शिशु व माडल अस्पताल का नियंत्रण कक्ष वाकी-टाकी सिस्टम से जुड़ा, इससे मरीजों को यह होगा फायदा
Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर के मातृ-शिशु और मॉडल अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवा देने के लिए अधीक्षक कार्यालय से सीधी निगरानी शुरू की गई है। नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसे वाकी-टाकी और सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है। इससे मरीजों की शिकायतों का तत्काल समाधान होगा और अस्पताल प्रशासन को व्यवस्था में सुधार करने में मदद मिलेगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मरीजों को बेहतर सेवा और अस्पताल प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए मातृ-शिशु अस्पताल और माडल अस्पताल को अधीक्षक कार्यालय से सीधे जोड़ा गया है। अधीक्षक कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां से दोनों अस्पतालों की गतिविधियों की निगरानी की जा रही है।
अधीक्षक डा. बीएस झा ने बताया कि नियंत्रण कक्ष को सभी विभागों और प्रमुख स्थानों पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से वाकी-टाकी के माध्यम से जोड़ा गया है। यदि कोई मरीज या उनके स्वजन किसी भी प्रकार की शिकायत लेकर अधीक्षक कार्यालय पहुंचते हैं, तो तुरंत संबंधित विभाग या स्थान पर वाकी-टाकी के जरिए संपर्क स्थापित कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली जा सकेगी। इससे मरीजों की समस्याओं का त्वरित समाधान संभव होगा।
सुरक्षा और निगरानी को सशक्त बनाने के लिए वाकी-टाकी सिस्टम को पहले से लगे सीसीटीवी से भी जोड़ा गया है। इससे अस्पताल परिसर में हो रही हर गतिविधि पर नियंत्रण कक्ष से नजर रखी जा सकेगी। इस पहल से चिकित्सा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज और सुविधा मिल सकेगी।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर बनेगा रोगी हितकारी मंच
मुजफ्फरपुर: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रोगी हितधारक मंच की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में रोगियों के लिए चल रहे अभियान पर चर्चा की गई। सिविल सर्जन डा. अजय कुमार ने बताया कि पीएचसी स्तर पर मंच द्वारा फाइलेरिया से संबंधित आंकड़े, रजिस्टर और मरीजों की पहचान संख्या (आईडी) उपलब्ध कराना एक महत्वपूर्ण कदम है।
यदि यह व्यवस्था सभी हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों पर लागू हो, तो उन्मूलन अभियान को और गति मिलेगी। जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. सुधीर कुमार ने की। उन्होंने कहा कि जागरूकता, स्वच्छता और एमएमडीपी किट का सही उपयोग फाइलेरिया से बचाव का सबसे प्रभावी साधन है।
सीएचओ अभिलाषा प्रिया ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मंच से जुड़ने के बाद फाइलेरिया के प्रति समझ बढ़ी है। अब आशा के माध्यम से भी मरीजों तक सही जानकारी पहुंच रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की जोनल कोआर्डिनेटर डा. माधुरी देवराजु ने मरीजों से संवाद कर उनकी शंकाओं का समाधान किया। बैठक में कई जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्यकर्मी एवं सहयोगी संस्थाएं की उपस्थिति रही।
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