बिहार में शिक्षकों की छुट्टी पर सख्ती, अधिक अवकाश लेने पर की जाएगी कार्रवाई
Government school teachers leave: बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति के बाद भी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को सुचारू करने के लिए, जिला शि ...और पढ़ें

Special leave guidelines Bihar: माना जा रहा है कि इससे छात्रों की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। Teachers leave policy Bihar: बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा करीब दो लाख 70 हजार नए शिक्षकों की बहाली के बाद भी कई स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था बेपटरी है। निरीक्षण के दौरान इसकी शिकायत मिलने के बाद अब इसको दुरुस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
सरकारी विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था को बाधित होने से बचाने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने शिक्षकों के अवकाश को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि अब विद्यालयों में एक दिन में निर्धारित सीमा से अधिक शिक्षकों को आकस्मिक या विशेष अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।
डीईओ कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि एक साथ अधिक शिक्षकों के अवकाश पर चले जाने से विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए अवकाश स्वीकृति की नई व्यवस्था लागू की गई है।
आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में एक दिन में अधिकतम एक शिक्षक को ही छुट्टी दी जाएगी। मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एक दिन में अधिकतम दो शिक्षकों का अवकाश स्वीकृत कर सकते हैं। यदि विशेष परिस्थिति हो जाती है और तय सीमा से अधिक अवकाश देने की आवश्यकता महसूस होने पर प्रधानाध्यापक या प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से पूर्व अनुमोदन लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

जारी निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बिना अवकाश स्वीकृति के किसी भी शिक्षक को विद्यालय से अनुपस्थित रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आवेदन एक दिन पहले देना अनिवार्य कर दिया गया है।
आकस्मिक अवकाश के लिए भी व्यवस्था बनाई गई है। इसके लिए सक्षम प्राधिकार को फोन या वाट्सएप के माध्यम से सूचना देने के बाद ही अवकाश के लिए प्रस्थान कर सकते हैं।
विशेष आकस्मिक अवकाश को लेकर भी सीमा तय की गई है। किसी शिक्षक को एक माह में दो दिन से अधिक विशेष आकस्मिक अवकाश नहीं मिलेगा। साथ ही आकस्मिक अवकाश को विश्रामावकाश यानी ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश के साथ जोड़कर लेने की अनुमति नहीं होगी।
आदेश में यह भी कहा गया है कि आकस्मिक अवकाश की अलग-अलग प्रविष्टि संधारण करना प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी होगी। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित प्रधानाध्यापक या शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डीईओ ने सभी प्रधान शिक्षकों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि आदेश का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें। जिला प्रशासन का मानना है कि इस निर्णय से विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होगी और छात्रों की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सरकार और विभाग की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि किसी भी रूप में व्यवस्थागत चूक का प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर देखने को नहीं मिले। सभी प्रयास इसी दिशा में किए जा रहे हैं।

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