ठंड के बीच शिक्षकों के लिए भी अवकाश की मांग तेज, सरकार से फैसले की उम्मीद
मुजफ्फरपुर में भीषण ठंड के कारण बच्चों के लिए स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है, लेकिन शिक्षकों को अभी भी स्कूल जाना पड़ रहा है। शिक्षक संघों ने सरक ...और पढ़ें

शीतलहर के कारण उनके स्वास्थ्य पर भी खतरा बना हुआ है। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क।Teachers Holiday Demand: कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच बच्चों के पठन-पाठन पर रोक लगाए जाने के बाद अब शिक्षकों के लिए भी अवकाश देने की मांग तेज होने लगी है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि जब स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनज़र बच्चों के लिए विद्यालय बंद किए जाते हैं, तो उसी अवधि में शिक्षकों को विद्यालय बुलाना व्यवहारिक और मानवीय नहीं है।
“बच्चे नहीं आते तो शिक्षक क्या करेंगे?”
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा कि ठंड के कारण विद्यालयों में पढ़ाई स्थगित कर दी जाती है। ऐसे में जब छात्र विद्यालय नहीं पहुंचते, तो शिक्षकों को स्कूल में उपस्थित रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
उन्होंने कहा कि कई जिलों में जनवरी माह में अलग-अलग तिथियों तक विद्यालय बंद किए गए हैं। इस दौरान शिक्षक स्कूल में बैठकर औपचारिक उपस्थिति निभाने को मजबूर हैं, जबकि शीतलहर के कारण उनके स्वास्थ्य पर भी खतरा बना हुआ है।
मौसम विभाग की चेतावनी के बीच चिंता
शिक्षक संगठनों ने मौसम विभाग के उस पूर्वानुमान का हवाला दिया है, जिसमें जनवरी के पहले सप्ताह तक कड़ाके की ठंड और शीतलहर बने रहने की बात कही गई है। शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बुजुर्ग और पहले से अस्वस्थ शिक्षकों के लिए स्थिति और गंभीर हो सकती है।
सरकार और प्रशासन से की गई अपील
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग और जिलाधिकारियों से मांग की है कि जिन तिथियों तक बच्चों के लिए विद्यालय बंद रखे गए हैं, उसी अवधि में शिक्षकों को भी विद्यालय से मुक्त किया जाए।
संघ का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था में बच्चों और शिक्षकों दोनों की सुरक्षा समान रूप से महत्वपूर्ण है। यदि ठंड बच्चों के लिए हानिकारक मानी जा रही है, तो शिक्षकों के स्वास्थ्य की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
प्रशासन के फैसले पर टिकी निगाहें
फिलहाल इस मांग पर शिक्षा विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन लगातार बढ़ती ठंड और शिक्षक संगठनों की आवाज़ के बाद अब सभी की निगाहें सरकार और जिला प्रशासन के अगले निर्णय पर टिकी हुई हैं।

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