Positive India: इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ खोली बिस्कुट फैक्ट्री, करीब 45 लोग को दे रहे रोजगार
Muzaffarpur News कोरोना संक्रमण के वैश्विक प्रभाव को देखते हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर शुभम कार्यी ने बिस्कुट फैक्ट्री स्थापित की। अभी उनके यहां 40 से 45 लोग काम कर रहे हैं। उनके यहां प्रतिदिन अलग-अलग फ्लेवर में आठ से 10 क्विंटल बिस्कुट का उत्पादन होता है।
मुजफ्फरपुर [अमरेंद्र तिवारी]। कोरोना की धमक बढ़ते ही जनवरी, 2020 में बेंगलुरु से गन्नीपुर स्थित घर पहुंचे सॉफ्टवेयर इंजीनियर शुभम कार्यी अब सफल उद्यमी हैं। कोरोना संक्रमण के वैश्विक प्रभाव को देखते हुए यहीं कुछ अपना काम शुरू करने की योजना बनाई। इसमें वे सफल भी रहे। 2020 के फरवरी के पहले सप्ताह में बिस्कुट फैक्ट्री स्थापित की। बताते हैं कि दौरान यहां का माहौल देखा। उन्होंने विचार किया कि पिता विपिन कुमार कार्यी के साथ रहकर अपना कारोबार करेेंगे। उन्होंने बेला औद्योगिक इलाके में बिस्कुट बनाने की एक फैक्ट्री डाल दी। धीरे-धीरे काम चल निकला।
शुभम का कहना है कि वे बेंगलुरु में दो लाख मासिक पैकेज पर काम कर रहे थे। लेकिन, कामकाज का दबाव रहता था। कोरोना काल में चुनौतियां और बढ़ गई थीं। खुद का काम शुरू करने के लिए बचत और पारिवारिक मदद लेकर बिस्कुट फैक्ट्री की शुरुआत की। अभी उनके यहां 40 से 45 लोग काम कर रहे हैं। उनके यहां प्रतिदिन अलग-अलग फ्लेवर में आठ से 10 क्विंटल बिस्कुट का उत्पादन होता है। मुजफ्फरपुर से लेकर उत्तर बिहार के अन्य जिलों में आपूर्ति होती है। हर माह सभी खर्च काटकर एक से डेढ़ लाख के बीच मुनाफा हो रहा है। कहते हैं कि कमाई कंपनी की सैलरी से कम है, लेकिन खुशी इस बात की है कि अपने परिवार के बीच रहकर 40-45 लोग को रोजगार दे रहे हैं।
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