Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुजफ्फरपुर में सेवा संपुष्टि का अजब खेल, नियुक्ति के साथ ही पक्की नौकरी?

    By Prashant Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 10:48 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में संबद्ध कालेजों द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति तिथि को ही सेवा संपुष्टि करने का मामला सामने आया है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्व ...और पढ़ें

    Hero Image

    इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिस तिथि को शिक्षक की नियुक्ति संबद्ध कालेज में हुई उसी तिथि को उसकी सेवा संपुष्टि हो गई। किसी की सेवा संपुष्टि नियुक्ति तिथि के चार से पांच दिनों के भीतर ही कर दी गई। इतना ही नहीं संबद्ध कालेजों ने ऐसे शिक्षकों को रेवड़ियों की तरह अनुभव प्रमाण पत्र बांटे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे कई शिक्षकों का चयन बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से हुई सहायक प्राध्यापक नियुक्ति में किया गया है। अब आयोग की ओर से ऐसे अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज की जांच होनी है।

    बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से सहायक प्राध्यापक नियुक्ति में शैक्षणिक अनुभव के आधार पर अभ्यर्थियों को 10 अंक का वेटेज निर्धारित किया। ऐसे में अभ्यर्थियों ने अनुभव प्रमाण पत्र के लिए कई संबद्ध कालेजों से संपर्क कर इसे प्राप्त किया। ऐसी शिकायत प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में की गई है।

    इसी आधार पर आयोग और शिक्षा विभाग की ओर से अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच करने का निर्देश दिया गया है। जानकारी के अनुसार पूजा कुमारी श्रीवास्तव की नियुक्ति 15 दिसंबर 2002 को संबंधित कालेज में हुई और उनकी सेवा संपुष्टि 21 दिसंबर को कर दी गई।

    इसी तरह डा. राम नरेश प्रसाद की नियुक्ति आठ अप्रैल 20215 को हुई और सेवा संपुष्टि उसी दिन हो गई। डा. नवितुल्लाह मियां की नियुक्ति 10 जुलाई 20215 को हुई और सेवा संपुष्टि उसी दिन हो गई। डा. राजीव रंजन की नियुक्ति 14 अप्रैल 20215 और सेवा संपुष्टि 18 अप्रैल 20215 को, डा. रितिका कश्यप की नियुक्ति 13 अप्रैल 2015 और सेवा संपुष्टि 18 अप्रैल 2015 को हो गई।

    ऐसे करीब आधा दर्जन से अधिक शिक्षकों के नियुक्ति के एक सप्ताह के भीतर ही सेवा संपुष्ट किए जाने का मामला सामने आ रहा है। इसी आधार पर उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है।

    दूसरी ओर पिछले महीने निदेशालय में हुई समीक्षा बैठक के आधार पर विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न विषयों में चयनित सहायक प्राध्यापकों के दस्तावेज की जांच कराई जा रही है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा है कि जांच रिपोर्ट से निदेशालय को अवगत कराया जाएगा।

    बीएड कालेज के अनुभव को भी सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में वेटेज

    बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से पिछले दिनों हुए सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में अभ्यर्थी को बीएड कालेज के शैक्षणिक अनुभव के आधार पर भी वेटेज देने का मामला सामने आ रहा है।

    बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में नियुक्त एक शिक्षक ने बीएड कालेज के शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्र पर वेटेज मिला है। यह अनुभव प्रमाण पत्र बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के एक संबद्ध बीएड कालेज से जारी किया गया है। आयोग की ओर से जांच के लिए भेजी गई शिक्षकों की सूची में आयोग के स्तर से अभिप्रमाणित अनुभव प्रमाण पत्र भी भेजा गया है।

    बताया जा रहा है कि यह विश्वविद्यालय के एक बीएड कालेज से जारी किया गया है। इस पर रजिस्ट्रार, कालेज के प्राचार्य का भी हस्ताक्षर है। बताया जा रहा है कि संबंधित बीएड कालेज को राज्य सरकार से मान्यता भी वर्ष 2017 में मिला है। बावजूद इसके कालेज की ओर से एक नवंबर 2017 से 22 जनवरी 2020 तक सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्य करने का अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

    दूसरी ओर मामले को लेकर जब एक अभ्यर्थी ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से सूचना के अधिकार के तहत बीएड कालेज का शैक्षणिक अनुभव की जानकारी ली तो बताया गया है कि बीएड कालेज का शैक्षणिक अनुभव मान्य नहीं होगा।