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    BRA Bihar University: कालेजों में सहायक प्राध्यापकों की कमी, जूलाजी में सबसे अधिक 93 पद रिक्त

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 04:54 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों के 818 पद रिक्त हैं जिससे कॉलेजों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। विज्ञान संकाय में शिक्षकों की सबसे अधिक कमी है खासकर जूलाजी में 93 पद खाली हैं। विश्वविद्यालय ने सरकार को रिक्तियों की जानकारी भेजी है जिसके बाद कुछ विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। स्नातक में नामांकन बढ़ने के बावजूद शिक्षकों के नए पद सृजित नहीं हुए हैं।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंगीभूत कालेजों से लेकर पीजी विभागों में सहायक प्राध्यापकों के 818 पद रिक्त हैं। वहीं पीजी विभागों से लेकर 42 अंगीभूत महाविद्यालयों में कुल 778 शिक्षक कार्यरत हैं।

    इसमें सबसे अधिक साइंस संकाय में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। जूलाजी में शिक्षकों के सबसे अधिक 93 सीटें खाली हैं। वहीं बाटनी में 80 और रसायनशास्त्र में 85 पद रिक्त हैं। फिजिक्स में 77 सीटें खाली हैं।

    वहीं सोशल साइंस संकाय में भी कई विषयों में सीटें अधिक खाली हैं। इसमें राजनीति विज्ञान में सबसे अधिक 82 व इतिहास में 77 सीटें रिक्त हैं। जूलाजी में 22 शिक्षक, बाटनी में 30, रसायनशास्त्र में 32, भौतिकी में 39, राजनीति विज्ञान में 50, इतिहास में 55 शिक्षक विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत हैं।

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    पिछले दिनों विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न विषयों में सहायक प्राध्यापकों की स्वीकृत सीटें, उसके विरुद्ध कार्यरत बल रिक्ति की जानकारी सरकार को उपलब्ध कराई गई थी। इसके बाद करीब तीन से चार विषयों में विश्वविद्यालय को शिक्षक मिले हैं।

    विश्वविद्यालय की ओर से जून में उच्च शिक्षा विभाग को विषयवार रिक्ति समेत अन्य जानकारी उपलब्ध कराई गई थी। इसमें हिंदी विषय की कुल व खाली सीटों की जानकारी नहीं दी गई थी। बताया जा रहा है कि हिंदी में 130 से अधिक स्वीकृत सीटें हैं। करीब 15 से अधिक सीटें अभी रिक्त हैं।

    रिक्ति भेजने के बाद चार विषयों में पदस्थापन

    विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न विषयों में शिक्षकों की रिक्त पदों की रिपोर्ट भेजने के बाद चार विषयों में शिक्षकों का पदस्थापन हुआ है। इसमें होम साइंस में सात, समाजशास्त्र में तीन, अंग्रेजी में 32 व अर्थशास्त्र में 52 सहायक प्राध्यापकों का पदस्थापन कालेजों से लेकर पीजी विभागों में हुआ है।

    विषयवार रिक्ति (उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजे रोस्टर सह रिपोर्ट के अनुसार)

    • विषय - कुल सीटें - रिक्ति
    • एआइएच एंड सी - 5 - 4
    • बांग्ला - 4 - 1
    • भोजपुरी - 3 - 0
    • बाटनी - 110 - 80
    • कामर्स - 51 - 32
    • केमिस्ट्री - 117 - 85
    • अर्थशास्त्र - 121 - 19
    • अंग्रेजी - 105 - 65
    • भूगोल - 50 - 31
    • इतिहास - 132 - 77
    • होम साइंस - 48 - 24
    • ला - 6 - 0
    • गणित - 91 - 27
    • संगीत - 8 - 7
    • दर्शनशास्त्र - 73 - 13
    • मनोविज्ञान - 169 - 26
    • भौतिकी - 116 - 77
    • राजनीति विज्ञान - 132 - 82
    • समाजशास्त्र - 14 - 13
    • संस्कृत - 41 - 25
    • उर्दू - 54 - 19
    • जूलाजी - 115 - 93
    • मैथिली - 9 - 3
    • नेपाली - 1 - 1
    • परसियन - 8 - 7
    • रसियन - 4 - 2
    • इलेक्ट्रानिक्स - 9 - 8

    शिक्षकों के नए पद सृजित नहीं

    बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य प्रो.प्रमोद कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के अंगीभूत कालेजों के स्नातक में पिछले तीन सत्रों में लगातार करीब 80 हजार से अधिक नामांकन हुए हैं। इसकी तुलना में सीटों का सृजन नहीं हुआ है।

    कहा कि मौजूदा सीटों का निर्धारण 1986 का बजट माना जाता है। उस समय स्नातक में 30 से 40 हजार विद्यार्थियों का नामांकन होता था। आज 80 हजार से अधिक छात्र स्नातक में नामांकन लेते हैं।

    ऐसी स्थिति में सीबीसीएस पाठ्यक्रम के लागू होने के बाद नए पदों का सृजन किए बगैर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात बेमानी है। कालेज केवल डिग्री बांटने के संस्थान बन गए हैं।