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    बिहार के लोगों की पहली पसंद बना सत्तू-बेसन का उद्यम, सीएम लघु उद्यमी योजना के तहत हजारों लोग करा चुके हैं आवेदन

    Updated: Wed, 21 Feb 2024 04:13 PM (IST)

    मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रोजगार देने में कारगर साबित हो रही है। गत वर्ष जिले में हुई जाति आधारित गणना में आर्थिक रूप से कमजोर पाए गए सभी वर्ग के लोगों को रोजगार के लिए सरकार तीन किस्तों में दो-दो लाख रुपए देगी जिसे वापस नहीं लिया जाएगा। इस योजना से मिली राशि से कमजोर परिवार के लोग लघु उद्योग लगा स्वावलंबी बन सकेंगे।

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    बिहार के लोगों की पहली पसंद बना सत्तू-बेसन का उद्यम। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Mukhyamantri laghu udyami yojana । मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत 9,699 आवेदन आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा सत्तू-बेसन बनाने के लिए हैं। पोर्टल पर आवेदन के लिए 12,264 ने लांगिग किया है। इसमें 9,699 आवेदन ही अपलोड हुए हैं। अब इसके आधार पर लाभार्थी को आर्थिक मदद दी जाएगी। आवेदकों में सबसे ज्यादा कुढ़नी व बोचहां तो सबसे कम नगर निगम शून्य पर रहा।

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    मालूम हो कि 20 फरवरी आवेदन करने की अंतिम तिथि थी। जिला उद्योग महाप्रबंधक ने बताया कि जिले से जितने आवेदन आए उनको एक साथ कंपाइल करने के बाद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद वहां से जो गाइडलाइन आएगी उसके हिसाब से चयनित लाभार्थी के खाते में राशि भेजी जाएगी।

    सत्तू-बेसन के लिए 1,283 आवेदन 

    सत्तू-बेसन उद्योग के लिए 1,283, रेडीमेड गार्डेन के 810, मसालेदार उत्पाद के 872, मोबाइल रिपेयरिंग व चार्जर निर्माण के 642, आइटी बिजनेस सेंटर के 389 और बेडशीट व तकिया कवर के लिए 207 आवेदन आए हैं।

    छह हजार से कम आय वाले परिवार को दो लाख की मदद

    जानकारी के अनुसार छह हजार रुपये से कम मासिक आय वाले परिवार के सदस्य को लघु उद्यमी योजना के तहत दो लाख की राशि दी जाएगी। 20 फरवरी तक इसके लिए पोर्टल पर आवेदन करना था।

    'हर घर उद्यमी, हर घर रोजगार, ऊंची उड़ान के लिए बिहार है तैयार' थीम पर यह योजना आधारित है। इसके तहत राज्य सरकार प्रत्येक गरीब परिवार के कम से कम एक सदस्य के रोजगार के लिए पांच वर्षों में दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता देगी।

    कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन से होगा चयन

    अनुश्रवण समिति से आवेदन पत्रों की आनलाइन ही जांच की जाएगी। इसमें सही पाए जाने वाले आवेदकों का अंतिम चयन कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन के माध्यम किया जाएगा।

    इन उद्योगों के लिए सरकार देगी मदद

    खाद्य प्रसंस्करण में आटा, सत्तू, बेसन उत्पादन, मसाला, नमकीन, जैम, जैली, सास, नूडल्स, पापड़, अचार, मुरब्बा, फलों का जूस, मिठाई शामिल हैं। बढ़ईगीरी, बांस का समान, नाव, बेंत का फर्नीचर निर्माण के लिए मदद मिलेगी।

    निर्माण उद्योग से संबंधित सीमेंट की जाली, दरवाजा, खिड़की, प्लास्टर आफ पेरिस का सामान, दैनिक सामग्री जैसे डिटर्जेंट पाउडर, बिंदी, मेंहदी, मोमबत्ती, कृषि यंत्र, गेट ग्रिल, मधुमक्खी का बक्शा, आभूषण निर्माण, स्टील बाक्स, लोहार, बिजली पंखा, स्टेबलाइजर व आइटी के लिए भी आवेदन किया जा सकता है।

    रिपेयर व मेंटीनेंस से संबंधित आटो गैरेज, मोबइल व चार्जर निर्माण, बाइक, एससी, टायर, डीजल इंजन, मोटर व ताला रिपेयरिंग के लिए भी आवेदन किया जा सकता है। सेवा उद्योग के लिए सैलून, ब्यूटी पार्लर, ढाबा, लांड्री, फूल माला, रेडीमेड वस्त्र व मिट्टी के बर्तन उद्योग लगाने के लिए भी आवेदन कर सकेंगे।

    तीन किस्तों में मिलेगी उद्यमी को राशि

    जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक अभिलाषा भारती ने कहा कि आवेदन के लिए 12,264 लाभार्थियों ने पोर्टल पर लांगिग किया है। इसमें 9,699 आवेदन अपलोड हुए हैं।

    अब इसके आधार पर लाभार्थी को आर्थिक मदद दी जाएगी। चयनित लाभार्थी को तीन किस्त में राशि दी जाएगी।

    पहली किस्त में 25 प्रतिशत, पहला कार्य संपन्न होने पर दूसरी किस्त 50 प्रतिशत व कार्य पूरा होने पर अंतिम किस्त 25 प्रतिशत दी जाएगी।

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