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    Mohan Bhagwat: बिहार में सभी स्वयंसेवकों को मोहन भागवत ने दे दिया नया निर्देश, बोले- हमारी विरासत बचाने के लिए...

    Bihar News राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बिहार प्रवास के अंतिम दिन स्वयंसेवकों के कार्य के अनुसार शाखा संचालन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शाखा की संख्या बढ़े इसकी चिंता हर विभाग के पदाधिकारी को करनी चाहिए। शाखा से जुड़ने वाले स्वयंसेवकों की रुचि बनी रहे तथा संख्या बढ़े इसके लिए थोड़ा बदलाव भी करना चाहिए।

    By Amrendra Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 09 Mar 2025 10:47 PM (IST)
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    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत। फ़ोटो- सोशल मीडिया

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत पांच दिनों के बिहार प्रवास के अंतिम दिन रविवार को अलग-अलग टोली के साथ समन्वय बैठक की।

    इसमें मुख्य रूप से नगर, महानगर, विभाग और प्रांत की टोली के अधिकारी शामिल हुए। संघ प्रमुख ने शाखा की संख्या व संचालन की जानकारी ली।

    उन्होंने कहा, शाखा की संख्या बढ़े, इसकी चिंता हर विभाग के पदाधिकारी को करनी चाहिए। शाखा से जुड़ने वाले स्वयंसेवकों की रुचि बनी रहे तथा संख्या बढ़े, इसके लिए थोड़ा बदलाव भी करना चाहिए।

    स्वयंसेवकों के वर्ग के अनुसार शाखा का संचालन किया जाए। सुबह में कोचिंग व स्कूल के कारण विद्यार्थी शाखा में नहीं आते।

    उनके लिए शाम की शाखा होनी चाहिए। व्यवसायी हैं तो उनके लिए सुबह की शाखा तथा वरीय नागरिक उनके लिए सुबह और शाम दोनों समय उपयुक्त रहेगा।

    सामाजिक अनुपात नीचे नहीं जाए, इसकी चिंता करे हिन्दू

    • एक स्वयंसेवक की जिज्ञासा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर थी। इसपर डॉ. भागवत ने कहा कि यह सरकार का काम है। जहां तक जनसंख्या नियंत्रण की बात है, हमारा हिन्दू समाज जनसंख्या को लेकर सजग है।
    • हां, एक परेशानी यह है कि जिस भी परिवार में जनसंख्या का अनुपात दो व तीन से कम होगा, वहां इको मैनेजमेंट प्रभावित होता है।
    • अगर किसी को एक संतान है, तो परिवार में वह चाचा किसे कहेगा, मौसी व बुआ किसे कहेगा। इसलिए हिन्दू समाज को चिंता करनी चाहिए कि हमारा सामाजिक अनुपात नीचे नहीं जाए।
    • एक अन्य स्वयंसेवक की जिज्ञासा, प्राचीन विरासत के संरक्षण को लेकर थी। इस पर संघ प्रमुख ने कहा, हमारी विरासत बचाने के लिए देश में न्यायालय व अन्य संवैधानिक फोरम हैं। वहां पर अपनी बात को रखें।
    • विरासत बचाने के लिए हिन्दुस्तानी को आपस में लड़ने-झगड़ने की जरूरत नहीं है। हाल में बांग्लादेश की घटना को लेकर स्वंयसेवक की जिज्ञासा पर कहा, हम जहां पर रहें वहां की चिंता करें तो बेहतर है। पड़ोसी देश में क्या चल रहा इस पर नजर रखें।
    • संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष पर शाखा को मजबूत करने के साथ पंचकर्म पर बल दिया। कहा कि पंचकर्म को धीरे-धीरे समाज में प्रभावी बनाएं।
    • शताब्दी वर्ष पर पांच कार्य जिसमें पहला कार्य सामाजिक समरसता, दूसरा कुटुंब प्रबोधन, तीसरा स्वदेशी, चौथा पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और पांचवां कार्य नागरिक कर्तव्य बोध का जागरण है।

    बैठक में यह लोग रहे मौजूद

    बैठकों में प्रमुख रूप से क्षेत्रकार्यवाह मोहन सिंह, क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद, क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह विशेन, प्रांत संघचालक अधिवक्ता गौरीशंकर प्रसाद, विभाग संघ चालक चन्द्रमोहन खन्ना चन्नी, विहिप के प्रांत अध्यक्ष संजीव सिंह आदि शामिल रहे। शाम को सरसंघचालक यहां से दानापुर के रास्ते नागपुर के लिए विदा हुए।

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