रामदयालु रेल फाटक के पास बनेगा रिंग आरओबी, रेल अधिकारियों व एनएचआइ का सर्वे शुरू
मुजफ्फरपुर के रामदयालु रेल फाटक पर नया रेल रोड ओवरब्रिज बनेगा। रेल और एनएचएआई के इंजीनियरों ने संयुक्त रूप से सर्वे किया। फाटक के पास रिंग गोलंबर बनेगा, जिससे कई शहरों के लिए रास्ते निकलेंगे। लोगों के आने-जाने के लिए अंडरग्राउंड पथ भी बनेगा। पहले यह प्रोजेक्ट पुल निगम के पास था, पर अब एनएचएआई को सौंपा गया है।

मुजफ्फरपुर के रामदयालु रेल फाटक पर नए रेल रोड की तैयारी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News : जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: रामदयालु रेलवे फाटक शहर की यातायात के लिए बहुत जरूरी है। इस पर विगत कई वर्षों से निर्माण कार्य लंबित हैं। एनएचएआइ की ओर से लगातार प्रयास के बाद भी स्थिति यह है अब तक टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है।
रामदयालु रेल फाटक के समीप अब रेल रोड ओवर ब्रिज का अब नये सिरे से निर्माण होगा। इसकी प्लानिंग रेल अधिकारियों के साथ मिलकर एनएचआइ के इंजीनियरों ने एजेंसी के साथ मिलकर शुरू कर दी है। शुक्रवार को रामदयालु रेल समपार फाटक के समीप सभी रेल व एनएचआइ के इंजीनियर पहुंचे।
रेलवे की तरफ से रेल यातायात निरीक्षक नवीन कुमार, विद्युत इंजीनियर अशोक चौधरी, आइओडब्ल्यू सहित अन्य रेल कर्मी मौजूद थे। एनएचआइ के तरफ से तीन इंजीनियर और दो निर्माण एजेंसी के इंजीनियर मौजूद थे। अधिकारियों की संयुक्ता सर्वे में रेल फाटक के थोड़ा पहले आरओबी का वहां रिंग गोलंबर बनेगा।
उस गोलंबर से समस्तीपुर, पटना, दरभंगा, मोतिहारी और शहर की तरफ रास्ता निकलेगी। जहां पर रिंग गोलंबर बनना है, उसके बगल में काफी लोगों द्वारा मकान बना लिया है। उन सभी लोगों को मकान सहित उस जगह खाली करने को कहा गया है। सर्वे का बाद इसका जल्द डीपीआर तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।
नीचे बनेगा अंडग्राउंड आरयूबी
रामदयालु रेल फाटक के पास लोगों को आने-जाने के लिए पास अंडग्राउंड पथ बनेगा। रेल फाटक के दक्षिण वाले ओवरब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनेगा। उसके बाद पुराने वाले को तोड़ कर हटा दिया जाएगा। दक्षिण वाले ओवर ब्रिज के सामने से पटना रोड में सड़क निकलेगा। रेल अधिकारियों के अनुसार यह ओवर ब्रिज टू-वे होगा।
निगम को मिला था यह जिम्मा
पहले राज्य पुल निगम के पास यह प्रोजेक्ट गया था। लेकिन बाद में इसमें एनएचआई आगे आया और इसको बनाने का जिम्मा लिया। एनएचआइ के एक अधिकारी के अनुसार वहां से दरभंगा का फोर लेन बनना है।
उसके हिसाब से एनएचआई द्वारा आरओबी का डिजाइन किया गया है। वह प्रस्ताव राज्य एवं केंद्र को सही लगा। उसके बाद बनाने का जिम्मा दिया गया। उसके बाद पुल निर्माण निगम लिमिटेड से एनएचआइ को एनओसी दिया गया। इसके बाद इस आरओबी निर्माण में अड़चन खत्म हो गई।
बता दें कि जब पुल निगम द्वारा यह काम लिया गया था, उस समय 30 माह में कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। झारखंड के हरदेव कंस्ट्रक्शन को एक अरब 87 करोड़ का टेंडर भी दे दिया गया था।
डिजाइन को लेकर रेलवे द्वारा आंशिक बदलाव किया गया। लेकिन बाद में यह एनएचआइ को मिल गई। मधौल से लेकर रामदयालु, भगवानपुर चांदनी चौक होतेबखरी तक सिक्स लेन सड़क बनाया जाना है। पथ निर्माण विभाग को सड़क चौड़ीकरण का कार्य करना है। इसलिए एनएचआइ के लिए अब अच्छा रहेगा।
रेलवे और एनएचएआइ के बीच का मामला होने की वजह से सही से समन्वय नहीं हो पा रहा है। इसका प्रभाव कार्य में देरी के रूप में सामने आ रहा है। कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी डीपीआर और उसके बाद टेंडर की प्रक्रिया अब तक अधूरी है। ऐसे में जाम की समस्या से राहत की उम्मीद करना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा।

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