DRM कार्यालय से जुड़े रेलवे फर्जी भर्ती के तार, आरोपितों के खुलासे से रेल कर्मी भी शक के घेरे में
सोनपुर रेलमंडल में फर्जी भर्ती मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियो से पूछताथ में कई हैरान कर देने वाले मामले सामने आए हैं। आरोपितों ने DRM कार्यालय के कार्मिक भर्ती शाखा के पास के कमरों में 9 लाख 20 हजार रुपये की रकम देने की बात कही है। आरोपितों के खुलासे के बाद अब रेल कर्मी भी शक के घेरे में हैं।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सोनपुर रेलमंडल में फर्जी भर्ती का उद्भेन होने के बाद मामला डीआरएम कार्यालय से जुड़ गया है। जीआरपी और रेल क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में कई रेल कर्मी भी लपेटे में आ सकते हैं। जेल भेजे गए तीन आरोपितों में ओडिशा के देवाशीष बारिक, सौम्यशांतो महंतो और जमशेदपुर के साहिल गुप्ता को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
कार्मिक भर्ती शाखा में दिए रुपये
गुरुवार को जेल से लाने के बाद जीआरपी थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार, रेलवे के क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर चंदन कुमार तीनों आरोपितों को लेकर सीधे सोनपुर मंडल कार्यालय पहुंचे। आरोपितों के बताए जगहों पर गए।
वहां बताया कि मंडल कार्यालय के कार्मिक भर्ती शाखा के पास एक कमरे में लेकर दो से तीन-तीन लाख और एक अन्य से तीन लाख 20 हजार रुपये लिए। कुल मिलाकर 9 लाख 20 हजार रुपये की रकम ली गई। उसके बाद वहां पर फर्जी भर्ती का फार्म भराया गया।
आईकार्ड भी दिया गया
दस अंगुलियों का निशान लिए, आईकार्ड दिया। वहां मौजूद सभी लोगों को पांच-पांच सौ रुपये बख्शीस दिलाया गया। उसके बाद अवतार नगर में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। वहां से ट्रेनिंग लेने के बाद जंक्शन पर टिकट जांच करने के लिए भेज दिया।
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आरोपितों को लेकर जाते पुलिस अधिकारी
सोनपुर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यह घटना यहां के वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी के कार्यालय से भी जुड़ गया है। वहीं पर कुछ लोगों की ओर से भर्ती की प्रक्रिया कराई गईस जिससे इन लोगों को थोड़ा भी शक नहीं हो कि भर्ती फर्जी तरीके से की जा रही है।
सोनपुर जीआरपी थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कार्मिक विभाग के सभी कर्मियों का बायोडाटा तस्वीर के साथ मंडल रेल प्रबंधक से मांगा है, ताकि आरोपितों से उसकी पहचान कराई जा सके। पुलिस का कहना है कि वह जब तक कोर्ट की अभिरक्षा में है, तब तक आरोपित जो बोलेगा मान्य है। पुलिस की इस कार्रवाई से पूरे रेल मंडल में हड़कंप मच गया है।
डीआरएम विवेक भूषण सूद ने जताई बाहरी लोगों की संलिप्तता की आशंका
- डीआरएम विवेक भूषण सूद ने कहा कि पुलिस की ओर से जो भी जानकारी दी गई है, उसको लेकर CCTV कैमरों से उसकी पहचान कराई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मंडल कार्यालय के कोई भी अधिकारी इसमें शामिल नहीं हैं। वैसे पुलिस की जांच में जो लोग आएंगे, उस पर तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
- मंडल कार्यालय के अंदर के किसी रेल कर्मी का हाथ नहीं लग रहा। बाहरी व्यक्ति के जो लोग जान पहचान के हैं, ये उन लोगों की करतूत है। बाहरी लोगों के साथ किस रेल कर्मी का हाथ है, इसका पता लगाया जा रहा है। अब मंडल स्तर से भी जांच शुरू कर दी गई है।
- जेल भेजे गए एडीआरएम के रसोइया को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मंडल कार्यालय में बाहरी लोगों पर पूरी तरह रोक है। हर आने-जाने वाले लोगों का मोबाइल नंबर के साथ नाम-पता लिखकर ही प्रवेश कर सकते हैं।
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