Baba Garibnath : तीसरी सोमवारी को तीन लाख से अधिक श्रद्धालु करेंगे जलाभिषेक, जलार्पण के लिए नाचते-गाते पहुंचने लगे कांवड़िए
Baba Garibnath मुजफ्फरपुर में सावन के तीसरे सोमवार को बाबा गरीबनाथ धाम में तीन लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने की संभावना है। बारिश के कारण मौसम सुहावना हो गया है जिससे कांवरियों का उत्साह बढ़ गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि सभी सुरक्षित रूप से जलाभिषेक कर सकें।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सावन की तीसरी सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ धाम में तीन लाख से अधिक श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। रविवार की सुबह से ही उनके पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। अभी वे टेंट सिटी में आराम कर रहे हैं।
दो दिनों तक गर्मी से पांव छलनी के बाद भी बाबा पर ध्यान लगाकर चलते रहे। वर्षा के पानी में भींगते नाचते-गाते तुर्की तक पहुंच चुके। रविवार की दोपहर बाद से कांवड़िए जल चढ़ाने लगे। सुबह में जो भी श्रद्धालु पहुंचे उनको बाबा के दरबार में सीधा जाने का मौका मिला।
दोपहर में अरघा लगने के बाद उससे जलार्पण शुरू किया। इस बार कांवड़ियों की संख्या अधिक होने से एतिहासिक भीड़ होने वाली है। दूसरी सोमवारी की भीड़ के मद्देनजर प्रशासन भी पूरी तैयारी कर रखा है। अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
अतिक्रमणकारियों की दुकानदारी जारी
बाबा गरीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए आने वाले कांवड़ियों की सुविधा के लिए कई महीनों से तैयारी की जाती है। लेकिन अतिक्रमणकारियों की गतिविधियों के कारण कांवड़ियों को मंदिर तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
मंदिर के निकासी स्थान पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा होने के कारण जलाभिषेक के बाद कांवड़ियों को तेजी से बाहर निकलने में कठिनाई हो रही है। नतीजतन, जलाभिषेक के बाद लंबी कतारें लग जाती हैं। दूसरी सोमवारी को साहू पोखर रोड और माखन साह चौक पर कांवड़ियों को घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा।
कई कांवड़ियों ने आक्रोशित होकर बाबा के दरबार के पास ही सड़क पर जलाभिषेक कर दिया। यह सवाल उठता है कि अतिक्रमणकारियों के प्रति प्रशासन की मेहरबानी क्यों है, जबकि कांवड़ियों को इतनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
निकासी के लिए बैरिकेडिंग के पास अतिक्रमण
जलाभिषेक के बाद कांवड़ियों के निकलने वाले मार्ग पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने बिना वजह बैरिकेडिंग कर इसे संकरा कर दिया है। इसके कारण कांवड़ियों को जलाभिषेक के बाद तेजी से बाहर निकलने में कठिनाई हो रही है।
पुरानी बाजार निवासी राजेश सिन्हा ने बताया कि मंदिर के सामने से लेकर छाता बाजार तक अतिक्रमणकारियों का कब्जा है, जिससे कांवड़ियों को भारी परेशानी होती है। प्रशासन को कांवड़ियों की समस्याओं की तुलना में अतिक्रमणकारियों की दुकानें चलाने की चिंता अधिक है।
वहीं, प्रशासन द्वारा मंदिर से छाता बाजार तक बैरिकेडिंग इस तरह की गई है कि कांवड़ियों को तेजी से निकलने में कठिनाई होती है। सरैयागंज निवासी जय प्रकाश गुप्ता ने कहा कि निकासी मार्ग को खुला छोड़ना चाहिए था ताकि कांवड़ियों को जलाभिषेक के बाद तेजी से निकलने में मदद मिल सके।
जलाभिषेक के बाद कांवड़ियों को संकरा रास्ता अपनाना पड़ता है, जिससे उन्हें घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। कई कांवड़ियों की तबीयत बिगड़ जाती है। इस स्थिति में अतिक्रमणकारियों को हटाने की आवश्यकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का मानना है कि निजी लाभ के कारण अतिक्रमणकारियों को नहीं हटाया जा रहा है।
कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए निकास मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई है। तेजी से निकलने पर गिरने की आशंका बनी रहती है, इसलिए उन्हें नियंत्रित तरीके से निकाला जाता है। निकास मार्ग पर अतिक्रमण को सहन नहीं किया जाएगा। यदि कोई अवैध दुकान लगाएगा, तो उसे हटाया जाएगा।
विक्रम विरकर, नगर आयुक्त
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