Kitne Surakshit Hain School: बोचहां के प्रावि मधुरापुर जयराम में हादसों की परवाह नहीं, खतरे की घंटी बजा रही बिजली
Kitne Surakshit Hain School मुजफ्फरपुर के मधुरापुर जयराम प्राथमिक विद्यालय में विद्यालय द्वारा छोड़े गए भवन में आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र की उषा देवी ने बताया कि यह वरिष्ठ अधिकारी के आदेश से चल रहा है। वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और बिजली के खुले तारों से सप्लाई की जा रही है जिसकी सूचना विभाग को दी गई है।

इंद्रजीत शर्मा, हथौड़ी (मुजफ्फरपुर)। Kitne Surakshit Hain School: विद्यालय भवन में बिजली के झूलते तार के बीच हर दिन कक्षा संचालित हो रही है। बेतरतीब ढंग से दौड़ाए गए खुले तार के संपर्क में आने पर हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता, लेकिन बच्चे और शिक्षक इन बातों से बेखबर हैं।
वह भी तब, जब हाल ही में राजस्थान के विद्यालय में हादसों में कई बच्चों की जान जा चुकी है। यह अलग बात है कि हादसे का कारण जर्जर छत का गिरना था, किंतु कहीं न कहीं लापरवाही तो जरूर सामने आई है।बिजली के खुले तारों में दौड़ रही बिजली के बीच बोचहां प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मधुरापुर जयराम में बच्चों की कक्षा संचालित की जा रही है। महज दो कमरों वाले भवन में 154 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। विडंबना यह है कि विद्यालय में पठन-पाठन के लिए पर्याप्त कमरे नहीं हैं।
महादलित बस्ती में स्थित इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी। विद्यालय का पुराना भवन जर्जर हो चुका था। इसलिए उसे परित्यक्त घोषित कर दिया गया। इसके बाद दो कमरों का निर्माण मुखिया रंजन कुमार द्वारा पंचायत निधि से वर्ष 2022 में कराया गया। इन्हीं दो कमरों में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों का पठन-पाठन होता है। विद्यालय में पेयजल की सुविधा के लिए एक सबमर्सिबल पंप है, लेकिन शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है।
परित्यक्त भवन में चल रही आंगनबाड़ी
विद्यालय का परित्यक्त भवन किसी भी समय धराशायी हो सकता है, हालांकि खेलने के दौरान बच्चे उस तरफ चले ही जाते हैं। इस दौरान भी हादसे का डर बना रहता है। इतना ही नहीं, हद तो यह हो गई कि बच्चों की सुरक्षा के लिए जिस भवन को परित्यक्त घोषित किया गया, उसमें आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन हो रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किसके आदेश पर किया जा रहा, इसका संतोषजनक जवाब न तो विद्यालय प्रधान दे रहे और न ही सेविका।
कई बार विभाग को लिखित सूचना देने के बाद भी परित्यक्त भवन को तोड़ा नहीं जा रहा है। विद्यालय में संसाधनों के अभाव की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की गई है। व्यवस्था में सुधार का प्रयास हो रहा है।
विनीता कुमारी, प्रधानाध्यापक
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