Updated: Wed, 04 Dec 2024 02:25 PM (IST)
बिहार के 10 जिलों में हवाई अड्डों के विकास में देरी हो रही है क्योंकि संबंधित जिलों से आधारभूत संरचना रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। सिविल विमानन निदेशालय ने रिमाइंडर भेजा है और प्राथमिकता के आधार पर अपडेट रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है। पताही हवाई अड्डे सहित कई हवाई अड्डों का विकास क्षेत्रीय उड़ान योजना के तहत किया जाना है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार के 10 जिलों में हवाई अड्डों को विकसित किया जाना है। इसे लेकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से तैयारी की जा रही है। संबंधित जिलों से सिविल विमानन निदेशालय पटना के माध्यम से आधारभूत संरचना को विकसित किए जाने को लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई थी, लेकिन यह अब तक अप्राप्त है। इसे लेकर रिमाइंडर भेजा गया है।
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प्राथमिकता के आधार पर अपडेट रिपोर्ट देने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में वरीय उप समाहर्ता, जिला सामान्य प्रशाखा ने अपर समाहर्ता, राजस्व को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। साथ ही सिविल विमानन निदेशालय के पत्र का हवाला देकर अपडेट रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
विदित हो कि जिन हवाई अड्डों का विकास किया जाना है, इसमें मुजफ्फरपुर पताही हवाई अड्डा, सुपौल, सहरसा, भागलपुर, मुंगेर, वाल्मीकिनगर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबनी और छपरा हवाई अड्डा शामिल है। इसका क्षेत्रीय उड़ान योजना के तहत विकास किया जाना निर्धारित है।
छोटे विमानों की उड़ान को लेकर विकसित करने की तैयारी:
इसके तहत पैसेंजर टर्मिनल भवन समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसे लेकर पूर्व में नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से मुख्य सचिव, बिहार सरकार को पत्र भेजकर अवगत कराया गया था। मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने हवाई अड्डा के भूमि से संबंधित अपडेट रिपोर्ट देने का अनुरोध किया था, ताकि छोटे-छोटे विमानों की उड़ान (टूबी और थ्री सी कैटेगरी) को लेकर हवाई अड्डे को विकसित किया जा सके।
इसे लेकर नि:शुल्क भूमि की उपलब्धता से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई थी। कहा गया था कि हवाई अड्डों के उन्नयन और विकास को लेकर सभी तरह के बोझ से मुक्त हो, जिसमें सुरक्षा, अग्निशमन सेवाएं, मेट्रोलॉजिकल सेवाएं और संचालन एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी शामिल है।
विस्तारीकरण को लेकर किया जा चुका सर्वे:
बता दें कि पताही हवाई अड्डा को विकसित करने की दिशा में और भी कई प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत इसका विस्तारीकरण भी किया जाना है। इसके अलावा उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र भी खोला जाना है। विस्तारीकरण को सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इसके लिए करीब 473 एकड़ भूमि की उपलब्धता बताते हुए सीओ की ओर से संयुक्त रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी गई है। अब जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से भूमि अधिग्रहण पर खर्च का अनुमानित प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है।
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