नेपाल के राष्ट्रपति ने बताया वर्तमान संकट से निकलने का उपाय, पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली ने भी रखी अपनी बात
Nepal Gen Z Protest राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र जिन चुनौतियों से गुजर रहा है उनमें सभी पक्षों को धैर्य और संवाद के माध्यम से आगे आना चाहिए। संकट का हल संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही खोजा जाना चाहिए। कहा वह जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए स्थायी समाधान खोजने के पक्षधर हैं। उन्होंने नागरिकों से शांति धैर्य और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास बनाए रखने की अपील की।

जागरण संवाददाता, वीरगंज (नेपाल)। Nepal Gen Z Protest: नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने देश की मौजूदा जटिल परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि समाधान केवल संवैधानिक रास्ते से ही संभव है। उन्होंने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि राष्ट्र जिन चुनौतियों से गुजर रहा है, उनमें सभी पक्षों को धैर्य और संवाद के माध्यम से आगे आना चाहिए।
राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि वे संवैधानिक प्रावधानों के तहत समस्या समाधान के प्रयासों पर केंद्रित हैं और जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए स्थायी समाधान खोजने के पक्षधर हैं।
उन्होंने नागरिकों से शांति, धैर्य और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास बनाए रखने की अपील की। मालूम हो कि राष्ट्रपति का यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब नेपाल राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता से जूझ रहा है और कई हिस्सों में आंदोलन की स्थिति बनी हुई है।
व्यवस्था बचाना ही मेरे जीवन का उद्देश्य : ओली
वीरगंज (नेपाल) : पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने युवाओं, विशेषकर जेन-ज़ी पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान व्यवस्था को बचाना ही उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। शिवपुरी स्थित सैन्य घेरे के बीच सैनिकों के साथ समय बिताते हुए ओली ने भावुक शब्दों में अपने अनुभव को साझा करते हुए प्रेस के लिए बयान जारी किया।
ओली ने कहा कि बच्चों की हंसी और उनका स्नेह उन्हें हमेशा रोमांचित करता है। व्यवस्था परिवर्तन की कठिन लड़ाई के दौरान मिली यातनाओं के कारण उन्हें संतान सुख नहीं मिल सका, फिर भी पिता बनने की उनकी चाह कभी नहीं मरी। उन्होंने याद किया कि 2051 में गृहमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में राज्य की ओर से एक भी गोली नहीं चली थी।
ओली ने हाल की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि युवाओं के नाम पर हिंसा और षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में आगजनी और कैदियों को छुड़ाना सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।
उन्होंने कहा आज आप अपनी आवाज़ बुलंद कर सकते हैं, आंदोलन कर सकते हैं, यह सब इसी व्यवस्था की देन है। इसे नष्ट करने का प्रयास हो रहा है, और इसमें सतर्क रहना ज़रूरी है। उन्होंने साफ कहा कि पद और प्रतिष्ठा उनके लिए कभी महत्वपूर्ण नहीं रहे, बल्कि व्यवस्था को बचाना ही उनका जीवन का मूल उद्देश्य है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।