पीसीसी सड़क व नाला निर्माण योजना में समस्तीपुर नगर परिषद कर्मियों की लापरवाही का ऑडिट में खुलासा
Samastipur News चतुर्थ राज्य वित्त आयोग मद से वार्ड 25 में पीसीसी सड़क व नाला निर्माण के लिए बनाई गई थी योजना। निर्माण कार्य में 5 लाख 25 हजार की जगह खर्च किए गए 3 लाख 71 हजार।

समस्तीपुर, जासं। नगर परिषद (उत्क्रमित नगर निगम) कार्यालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में चतुर्थ राज्य वित्त आयोग मद से वार्ड 25 में क्रियान्वित पीसीसी सड़क व नाला निर्माण की योजना में प्राक्कलन के अनुसार कार्य का संपादन नहीं कराया गया। इस योजना के मद में प्राक्कलित राशि 5 लाख 25 हजार की निर्धारित की गई। लेकिन, संवेदक द्वारा 3 लाख 71 हजार 125 रुपये का कार्य ही संपादित किया गया। महालेखाकर प्रतिवेदन में वित्तीय वर्ष 2015-17 से 2017-18 के अंकेक्षण में चतुर्थ राज्य वित्त आयोग मद से उपरोक्त योजना के अवमानक कार्य का संपादन उजागर हुआ। इसमें विभागीय कर्मियों की भी लापरवाही सामने आई। लेखा परीक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि नप प्रशासन द्वारा वित्तीय वर्ष में चतुर्थ राज्य वित्त आयोग मद से वार्ड संख्या 25 में जयकांत पासवान के घर से टिंकू पांडे के घर तक पीसीसी सड़क व नाला निर्माण की योजना बनी थी।
निर्धारित मात्रा से कराया गया कम कार्य
कार्य का प्राक्कलन राशि 5 लाख 25 हजार निर्धारित था। तथा एकरारनामा 10 प्रतिशत कम यानी 4 लाख 50 हजार 34 रुपये में तय किया गया। नगर परिषद द्वारा कार्यान्वित उपरोक्त योजना से संबंधित अभिलेखों की जांच में यह सामने आया कि संवेदक द्वारा केवल 3 लाख 71 हजार 125 रुपये का कार्य संपादित किया गया। मापी पुस्तिका के अनुसार कार्य की मदों में कई प्रकार के विचलन भी सामने आए हैं। मदों के अनुसार कार्य का संपादन तो नहीं ही किया गया। कार्य की मदों में निर्धारित मात्रा से कम कार्य कराया गया। जवाब में नप प्रशासन ने बताया कि उक्त योजना से संबंधित कनीय अभियंता से प्रतिवेदन प्राप्त कर लेखापाल के जांचोपरांत भरपाई की कार्रवाई की जाएगी।
आवास योजना की राशि दूसरे के खाता में भेजा
उजियारपुर। प्रखंड के बेलामेघ पंचायत के वार्ड संख्या 14 निवासी उपेंद्र पासवान के पुत्र सुनील पासवान ने बीडीओ को आवेदन देकर पीएम आवास योजना की दूसरी किस्त की राशि उनके खाते पर भेजने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि उनके नाम की राशि विभाग ने किसी अन्य व्यक्ति के खाते में डाल दिया है। जिससे वे इस राशि से अबतक वंचित हैं। जबकि घर का निर्माण भी अधूरा पड़ा है। उन्होंने बीडीओ से जांच कर जो सही खाता संख्या है, उसमें राशि भेजवाने की मांग की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।