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    रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, बिहार के इस स्टेशन से चल सकती है नमो भारत रैपिड एक्सप्रेस

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 02:36 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी के घोषणा के बाद रेल मंत्री ने मुजफ्फरपुर से वंदे भारत और अमृत भारत जैसी नई ट्रेनों के परिचालन की संभावना जताई है। नमो भारत रैपिड रेल सहरसा से लोकमान्य तिलक के बीच चलेगी जिसका मार्ग मुजफ्फरपुर से होने की उम्मीद है। दूसरी ओर स्टेशनों के समस्तीपुर मंडल में विलय से रेल कर्मियों में हलचल है और आरपीएफ के क्षेत्र में भी बदलाव आया है।

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    मुजफ्फरपुर से चल सकती है नमो भारत रैपिड एक्सप्रेस (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मधुबनी में आगमन के दौरान वंदे भारत, अमृत भारत, नमो भारत के साथ नमो भारत रैपिड ट्रेन देने की बात कही गई थी। उसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी तीन नई त्रिवेणी रेल गाड़ियों का परिचालन मुजफ्फरपुर से करने की बात कही थी।

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    उन्होंने कहा था कि सस्तीपुर मंडल से वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन किया जा रहा है, जबकि एक अमृत भारत एक्सप्रेस का परिचालन दरभंगा व आनंद विहार टर्मिनल के बीच कराया। उन्होंने नमो भारत रैपिड रेल का परिचालन सहरसा से लोकमान्य तिलक के बीच शुरू करने की बात कही थी।

    यह रूट संभवत: मुजफ्फरपुर से ही होगा। इस ट्रेन के प्रत्येक कोच में आपातकालीन टॉकबैंक सिस्टम लगा है। वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर नमो भारत रैपिड रेल में भी दोनों छोर पर लोको पायलट के लिए कैबिन लगा है। इंजन रिवर्सल नहीं करना पड़ता है।

    इस ट्रेन में यात्रियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की एर्गोनॉमिकली डिजाइन सीटें लगाई गई हैं जो काफी कंफर्ट हैं। सहरसा से लोकमान्य तिलक टर्मिनस के लिए चलाई जाने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस देश की तीसरी ट्रेन है। अब मुजफ्फरपुर से भी इन सारी ट्रेनों का परिचालन हो सकता है।

    समस्तीपुर मंडल में कई स्टेशरों को शामिल होने से रेल कर्मियों के बीच हलचल तेज

    सोनपुर के मुजफ्फरपुर क्षेत्र के कई स्टेशनों को समस्तीपुर में शामिल होने पर रेल कर्मियों के बीच एकबारगी हलचल तेज हो गई है। एक तरफ जहां रेल एरिया की जानकारी के लिए पूरी दिन मंथन चलती रही वहीं इसकी रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को भेजा गया है।

    वर्षों से एक ही जगह पर जमे कुछ रेल कर्मियों को स्थानांतरण भी डर सताने लगा है। इसको लेकर पूरी दिन हर विभाग के रेल कर्मियों के बीच चर्चा का बाजार गर्म रहा। कई रेल कर्मी तो केंद्र व राज्य के बड़े नेता, मंत्री, सांसद, विधायक से भी बात कर डाली।

    उनसे सोनपुर से छीने गए स्टेशनों को वापस लाने के लिए पैरवी करते सुने गए। उनको जब यह पता चला कि स्थानांतरण प्रक्रिया से विकास में तेजी आएगी तो वे लोग भी इस बात को समझ गए। मुजफ्फरपुर स्टेशन के समस्तीपुर मंडल में आने से आरपीएफ का भी दायरा घट गया। मुजफ्फरपुर आरपीएफ पोस्ट का सराय तक एरिया है। अब गोबरसही तक ही रह जाएगा।

    इधर, मुजफ्फरपुर-मोतिहारी रेलखंड पर मोतीपुर या महवल तक मिलने की उम्मीद है। पहले मुजफ्फरपुर आरपीएफ का ब्रह्मपुरा रेल समपार फाटक तक ही क्षेत्र था। अब आगे तक हो जाएगा। थोड़ी बहुत जीआरपी के दायरे में कोई परिवर्तन होगा।