Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SKMCH में खून के लिए 48 हजार की मांग! सात माह की गर्भवती महिला की मौत, परिजनों का हंगामा

    By Keshav Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 10:55 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में एक गर्भवती महिला की खून की कमी से मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के कर्मी ने छह यूनिट खून के लिए 48 हजार रुप ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Pregnant Woman Death SKMCH: श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) के इमरजेंसी वार्ड में सात माह की गर्भवती महिला की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही और खून उपलब्ध कराने के नाम पर पैसे मांगने का गंभीर आरोप लगाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मृतका की पहचान सकरा थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव निवासी प्रकाश कुमार की पत्नी विभा कुमारी के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, महिला को खांसी के बाद कमर दर्द की शिकायत हुई थी, जिसके बाद बुधवार देर रात इलाज के लिए उसे एसकेएमसीएच लाया गया। जांच के दौरान चिकित्सकों ने खून की कमी बताई और छह यूनिट खून चढ़ाने की सलाह दी।

    खून दिलाने के नाम पर 48 हजार की मांग

    परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में काम करने वाले एक व्यक्ति ने छह यूनिट खून उपलब्ध कराने के बदले 48 हजार रुपये की मांग की। रुपये देने में असमर्थ होने पर महिला को एमसीएच से इमरजेंसी वार्ड रेफर कर दिया गया। इमरजेंसी पहुंचने से पहले ही महिला की हालत बिगड़ गई और गुरुवार दोपहर उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वे रुपये मांगने वाले व्यक्ति को पहचान सकते हैं, हालांकि उसका नाम उन्हें ज्ञात नहीं है।

    मौत की सूचना मिलते ही आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। मौके पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया की जानकारी देकर शांत कराया।

    अस्पताल प्रशासन ने जताई अनभिज्ञता

    इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई लिखित सूचना नहीं मिली है। प्रबंधन ने बताया कि मैनेजर से जानकारी लेकर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    खून के काले कारोबार पर सवाल

    एसकेएमसीएच में खून के अवैध कारोबार पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। मई 2024 में ब्लड बैंक के पास चार खून के सौदागरों को पकड़ा गया था, जिसमें एंबुलेंस कर्मियों और अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत सामने आई थी। बावजूद इसके, नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है।
    इसके अलावा नवंबर 2024 में पीआईसीयू वार्ड में एक बच्चे की मौत के बाद भी वार्ड बॉय पर खून के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगा था, लेकिन उस मामले में भी कार्रवाई अधूरी है।