SKMCH में गर्भवती की मौत पर बवाल: ब्लड के नाम पर 48 हजार रुपये मांगे, नहीं देने पर इमरजेंसी भेजा
मुजफ्फरपुर के SKMCH में एक गर्भवती महिला की मौत पर हंगामा हो गया। आरोप है कि ब्लड के नाम पर 48 हजार रुपये मांगे गए और नहीं देने पर उसे इमरजेंसी में भे ...और पढ़ें

एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड के बाहर मरीज की मौत के बाद हंगामा करते स्वजन। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में एमसीएच से ट्रांसफर होकर पहुंची गर्भवती की मौत हो गई। इसपर आक्रोशित स्वजन ने इलाज में कोताही का आरोप लगाया है। बताया कि महिला को खून की कमी चिकित्सक ने इलाज के दौरान बताया था। उसे छह यूनिट ब्लड चढ़ाने को कहा था।
आरोप है कि अस्पताल के ही एक कर्मी ने खून दिलाने के नाम पर 48 हजार रुपये मांगे थे। रुपये नहीं देने पर एमसीएच से इमरजेंसी वार्ड भेज दिया। यहां आते-आते मरीज की मौत हो गई। रुपये मांगने वाले व्यक्ति को पहचान सकते हैं। नाम उन्हें पता नहीं है। स्वजन ने बताया कि महिला के कमर में दर्द की शिकायत पर एसकेएमसीएच लाए थे।
सूचना पर सुरक्षाकर्मियों ने आक्रोशित लोगों को शांत कराया। मृत महिला सकरा थाने के गोपालपुर गांव के प्रकाश कुमार की पत्नी विभा कुमारी थी। स्वजन ने बताया कि वह सात माह की गर्भवती थी। खांसी अधिक होने पर कमर में दर्द शुरू हो गया था।
बुधवार देर रात इलाज के लिए लेकर आए थे। एमसीएच में चिकित्सक ने देखते ही खून की कमी बताई। गुरुवार को सुबह इमरजेंसी में इलाज के लिए भेज दिया। दोपहर में मौत हो गई। इधर, अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी किसी ने नहीं दी है। मैनेजर से जानकारी लेकर जांच कराएंगे। दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
खून धंधेबाजों पर कार्रवाई नहीं, स्वजन रोज हो रहे शिकार
लाल खून की आड़ में काले कारोबार के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होने के बाद भी नामजद आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर है। इससे धंधे में शामिल लोगों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। 26 मई, 2024 को एसकेएमसीएच के तत्कालीन ओपी प्रभारी डा.ललन पासवान ने खून के सौदा करते हुए चार धंधेबाजों को एसकेएमसीएच के ब्लड बैंक के पास दबोचा था।
अहियापुर थाने में प्राथमिकी भी कराई थी। जांच में एंबुलेंस कर्मी व अस्पताल कर्मी की मिलीभगत का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद पुलिस अब तक एंबुलेंस कर्मी लड्डू सिंह को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। वहीं, इस केस के जांच अधिकारी एसकेएमसीएच ओपी प्रभारी राजकुमार गौतम है। 27 नवंबर को पीआइसीयू वार्ड में भर्ती अभिनंदन कुमार की मौत के बाद स्वजन ने वार्ड ब्याय उर्मिला इंटरनेशनल आउटसोर्सिंग कंपनी अकाशदीप पर 11 हजार रुपये लेकर खून नहीं देने का आरोप लगाया था।
प्राचार्य सह अधीक्षक डॉ. आभा रानी सिन्हा के आवेदन पर अहियापुर थाने में उर्मिला इंटरनेशनल आउटसोर्सिंग कंपनी के वार्ड ब्याय अकाशदीप पर प्राथमिकी हुई थी। जांच अधिकारी एसकेएमसीएच ओपी की अपर थानाध्यक्ष शिखा रानी हैं। इसके बाद भी वार्ड ब्याय अकाशदीप की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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