मुजफ्फरपुर प्रधान डाकघर से 30 हजार वाउचर गायब, 50 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी की आशंका
Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर प्रधान डाकघर से 30 हजार वाउचर गायब होने का मामला सामने आया है। इस वजह से डाक विभाग में 50 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी का अंदेशा है। जांच में पता चला है कि ग्रामीण डाक सेवकों को मानदेय से अधिक भुगतान किया जा रहा था। इस मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। ग्रामीण डाक सेवकों को मानदेय से अधिक भुगतान करने का मामला बड़ा होता जा रहा है। जिले में डाक विभाग में हुई वित्तीय अनियमितता में इसे सबसे बड़ा कहा जा रहा है। पोस्टमास्टर जनरल के आदेश पर शुरू हुई जांच में यह बात सामने आई है।
प्रवर डाक अधीक्षक द्वारा गठित दो डाक निरीक्षकों की टीम ने प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर से जब वाउचर की मांग की तो 40 वाउचर को छोड़ सभी गायब बताए गए, जबकि आउटसोर्स पर बहाल 600 ग्रामीण डाक सेवकों को 18 साल से वाउचर पर ही भुगतान किया जा रहा है। वहीं, करीब एक हजार आउटसोर्स को काम पर रखा गया है। असली खेल इन्हीं आउट सोर्स को भुगतान पर है। इसका कोई पता ही नहीं है।
बताया जा रहा है कि करीब 30 हजार वाउचर गायब हैं। एक डाककर्मी ने बताया कि एक आउटसोर्स ग्रामीण डाक सेवक को पांच से दस हजार रुपये अधिक भुगतान कराया गया। इस स्थिति में यदि 18 वर्ष का हिसाब देखा जाए तो करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी की आशंका है। जांच अधिकारी को वाउचर उपलब्ध नहीं कराए जाने से मामला और गंभीर होता जा रहा है। वहीं, डाक विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली को भी सवालों के घेरे में ला दिया है।
इतने वर्षों से अधिक भुगतान किया जाता रहा और किसी भी डाक अधिकारी ने जांच नहीं की। प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर के स्तर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनके हस्ताक्षर से ही भुगतान किया जाता है। आडिटर के स्तर से भी चूक हुई। बता दें कि पीएमजी द्वारा पिछले साल शहरी क्षेत्र के आउटसोर्स को बंद करा दिया गया था।
घर पर निलंबन का नोटिस चस्पा
ग्रामीण डाक सेवकों को अधिक वेतन देने के मामले में बीएमपी छह के उप डाकपाल प्रभाकर कुमार को निलंबित करने के बाद सिकंदरपुर में पदस्थापित उप डाकपाल दीपेश कुमार को भी दोषी पाते हुए शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। पीएमजी के निर्देश पर प्रवर डाक अधीक्षक शंभू राय ने निलंबित करते हुए वहां दूसरे डाककर्मी को प्रभार दिलाने का आदेश दिया।
निलंबन का पत्र लेकर सिकंदरपुर डाकघर पहुंचे दो डाक निरीक्षक उप डाकपाल की बीमार अवस्था को देख लेटर रिसीव नहीं करा सके। उसके बाद दोनों डाक निरीक्षक फिर शनिवार को सिकंदरपुर डाकघर गए। वहां नहीं मिलने पर अहियापुर स्थित उनके आवास पर पहुंचे। वहां भी बीमारी के कारण नोटिस रिसीव नहीं कराया जा सका। इसके बाद अधिकारियों ने पहले ई-मेल से रिसीव करा दिया। फिर वॉट्सऐप किया।
उसके बाद उनके घर पर निलंबन का नोटिस चस्पा कर दूसरे डाककर्मी को चार्ज दे दिया गया। बीपीएम दीपेश कुमार का बयान भी नहीं हो सका। दोनों डाक इंस्पेक्टर वहां से लौट गए और प्रवर डाक अधीक्षक को इसकी जानकारी दे दी।
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