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    Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर वालों सावधान... डॉक्टर की फर्जी आईडी पर चल रहा इलाज, 21 चिकित्सकों का आया नाम

    By Amrendra Tiwari Edited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Sat, 06 Jan 2024 03:39 PM (IST)

    Bihar News सदर असप्ताल से लेकर पीएचसी तक चिकित्सक के फर्जी आईडी पर पर्ची कट रहा हैं। प्रदेश स्तर पर समीक्षा के बाद प्रधान सचिव ने सख्ती की। उसके बाद से खलबली मची है। पहले चरण में सदर अस्पताल के 11 व पीएचसी स्तर के 10 चिकित्सक की पहचान हुई है। अब सभी पीएचसी प्रभारी व सदर अस्पताल के अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया गया है।

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    मुजफ्फरपुर में डॉक्टर की फर्जी आईडी पर चल रहा इलाज (जागरण)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सदर असप्ताल से लेकर पीएचसी तक चिकित्सक के फर्जी आईडी पर पर्ची कट रहा हैं। प्रदेश स्तर पर समीक्षा के बाद प्रधान सचिव ने सख्ती की। उसके बाद से खलबली मची है। पहले चरण में सदर अस्पताल के 11 व पीएचसी स्तर के 10 चिकित्सक की पहचान हुई है।

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    इसमें से पीएचसी स्तर से पांच ऐसे चिकित्सक हैं जिनका नाम से ऑन लाइन पर्ची कटी बाकी उनके इलाज वाले कालम में शून्य बता रहा। उन चिकित्सक के जवाब-तलब किया गया है। सिविल सर्जन डा.ज्ञानशंकर ने बताया कि जब चिकित्सक के नाम से पर्ची कटी तो उसके साथ वहां पर इलाज के कालम आन लाइन शून्य नहीं होना चाहिए।

    उन्होंने बताया कि सभी पीएचसी प्रभारी व सदर अस्पताल के अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया है। इसके साथ भाव्य पोर्टल की संचालन करने वाली एजेंसी को कहा गया है कि वह जो चिकित्सक का तबदला हो गया। उसका आईडी बंद कर दें। इस तरह से आया फर्जी वाला मामला स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए भव्या पोर्टल को लांच किया गया था। इसपर मरीजों का डाटा अपलोड किया जाता है।

    मरीज अपना निबंधन भी आधार और मोबाइल नंबर से इस पोर्टल पर करा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्य अमृत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उक्त पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों की समीक्षा की थी। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कांटी और पारू सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बेहद खराब है। यहां पर डाटा अपलोड करने में शिथिलता बरती जा रही है।

    काम की रफ्तार बहुत धीमी है। यहां पर जिस चिकित्सक के नाम पर पर्ची कट रही। वह इलाज आन लाइन कर रहे। सचिव ने इसको एक तरह से अनियमितता व लापरवाही बताया। सिविल सर्जन को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। समीक्षा के बाद सीएस ने कांटी सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डा. मनीष आनंद, डा. रवि रंजन, डा. कुमोद, डा. हैदर अयुब और पारू में कार्यरत डा. ललित किशोर से स्पष्टीकरण मांगा है।

    कोट भव्या पोर्टल पर रिपोर्ट नहीं अपलोड किया जाना कार्य के प्रति लापरवाही और उदासीनता हैं। जो चिकित्सक अस्पताल के रोस्टर में नहीं उनका आईडी बंद होना चाहिए। अगर चिकित्सक अवकाश पर रहते हैं तब भी आईडी को बंद रखना है। भाव्या के जिला समन्वयक को पीएचसी प्रभारी व प्रबंधक अपडेट देते रहें। गडबड़ी नहीं हो।

     सर्जन रोस्टर में नहीं पोर्टल पर चल रहा इनका नाम, कट रहा पर्ची

    सदर अस्पताल के डा. अमृतांशु प्रांजल, डा.अनिरूद्ध प्रसाद सिंह, डा.सीके दास, डा.कुणाल, डा.नवीनचन्द्र नयन, डा.राजेश कुमार, डा.रामउदय कुमार, डा.श्वेता कुमारी, डा.मुकुल कुमार, डा.राजकिशोर यादव, बोचहां की डा.खुश्बू सिन्हा, कांटी की डा.मधुमित आनंद, कटरा डा.पंकज कुमार, कुढनी के डा.मनीष का नाम शामिल है।

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