जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शिक्षकों के वेतन भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हो रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस गड़बड़ी को रोकने में पूरी तरह फेल है। दूसरी ओर बिना अनुपस्थिति विवरणी का ही वेतन भुगतान हो रहा है।
शिक्षकों के स्थानांतरण होने के बाद से इस तरह गड़बड़ियां हो रही है। सीतामढ़ी जिला के शिक्षकों का स्थानांतरण मुजफ्फरपुर के विभिन्न प्रखंडों में हुआ है।
स्थानांतरण के बाद वे अपने स्कूल में योगदान देने के बाद से काम कर रहे है। लेकिन उनका वेतन भुगतान पूर्व के जिला से हो रहा है।
उन शिक्षकों के वेतन भुगतान का मैसेज सीतामढ़ी व बेतिया कोषागार का आ रहा है, जबकि वैसे शिक्षकों का वेतन भुगतान स्थानांतरित जिले से होना चाहिए। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला पूरी तरह से वित्तीय अनियमितता है।
बिना अनुपस्थिति विवरणी का हो रहा वेतन भुगतान मुजफ्फरपुर
स्थानांतरित होकर आ रहे शिक्षकों का दूसरे जिला के कोषागार से भुगतान हो रहा है। इससे स्पष्ट हो रहा कि बिना अनुपस्थिति विवरणी के ही शिक्षकों का वेतन भुगतान हो रहा है।
जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत नियोजित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, अध्यापक, नियमित शिक्षकों के वेतन भुगतान की जिम्मेवारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना की है। विभाग इस गड़बड़ी को नहीं रोक पा रहे है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना इंद्र कुमार कर्ण इस मामले से पल्ला झाड़ना शुरू कर दिये। कहा कि इस तरह की शिकायत नहीं मिली है। शिकायत आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
उधर, शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि स्थानांतरण के बाद शिक्षकों ने आउट और इन नहीं कराया है। शिक्षकों के एचआरएमएस पर पूर्व जिले से आउट और स्थानांतरित जिले में आवेदन देकर इन कराना है। ऐसा नहीं कराये जाने की वजह से पूर्व के जिले से वेतन भुगतान हो रहा है।
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