Sakra Assembly Seat 2025: विकास के अधूरे वादों से बढ़ा जनाक्रोश, सकरा को अनुमंडल बनाने की कवायद हवा-हवाई
सकरा विधानसभा क्षेत्र में जनता चुनावी वादों के पूरा न होने से नाराज है। विधायक अशोक कुमार चौधरी के कार्यकाल में सकरा को अनुमंडल का दर्जा नहीं मिला और स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल रहीं। सुनीता किडनी कांड पर उनकी चुप्पी से भी लोगों में रोष है। आगामी चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार की मांग उठ रही है क्योंकि जनता विकास कार्यों से संतुष्ट नहीं है।

जागरण संवाददाता, सकरा (मुजफ्फरपुर)। सकरा विधानसभा क्षेत्र हमेशा से राजनीतिक रूप से चर्चित रहा है। यह जननायक कर्पूरी ठाकुर और पूर्व सांसद मंजय लाल की कर्मभूमि तथा बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे स्व. शिवनंदन पासवान की जन्मभूमि रहा है। यहां की जनता ने 1957 से 2020 तक 15 बार अपने प्रतिनिधि चुने हैं।
वर्तमान में जदयू के अशोक कुमार चौधरी इस क्षेत्र के पंद्रहवें विधायक हैं। वर्ष 2005 से 2020 तक लगातार जदयू को जीत हासिल होती रही। वर्ष 2020 का चुनाव बेहद रोमांचक रहा, जब अशोक कुमार चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी उमेश कुमार राम को मात्र 1537 मतों से हराया। चुनाव के दौरान धनबल के इस्तेमाल की चर्चाएं भी रहीं। जीत तो मिली, लेकिन जनता के बीच असंतोष खत्म नहीं हुआ।
पांच साल बीत जाने के बाद क्षेत्र में नाराजगी और अधिक गहरी हो गई है। चुनावी वादे अधूरे हैं। सकरा को अनुमंडल का दर्जा नहीं मिला, बरियारपुर को प्रखंड बनाने की मांग पूरी नहीं हुई। कदाने नदी, भडवाडी और नून नदी के तकीया चौक के समीप व महेसी घाट पर पुल का निर्माण आज तक नहीं हो सका। सुजावलपुर चौक से पातेपुर, माडकन चौक से कुलेसरा, पिपरी से दुबहा मकसुदनपुर, डिहुल से बलिगांव बॉर्डर तक की सड़कें अधूरी हैं।
इन पर सफर करना लोगों की जान जोखिम में डालना है। युवाओं को रोजगार की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हुई। विधायक ने अपने कोष का इस्तेमाल जरूर किया, लेकिन उसका लाभ सीमित लोगों तक पहुंचा। आज भी सकरा थाना और प्रखंड कार्यालय जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं।
मवेशी अस्पताल में डॉक्टर की उपस्थिति किसानों के लिए पहेली बनी हुई है। स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत सबसे खराब है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर नहीं रहते। रेफरल अस्पताल केवल रेफर करने तक सीमित है। पीएचसी और रेफरल अस्पताल में महिला चिकित्सक की तैनाती के लिए ग्रामीणों ने दर्जनों बार वरिय महकमा से मांग किया, लेकिन आज तक उनकी मांग पुरी नहीं हो सकी।
अवैध पैथोलॉजी जांच घर और नर्सिंग होम खुलेआम चल रहा हैं, लेकिन पांच वर्षों में इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं तो हुई।
सकरा की सबसे चर्चित घटना रही सुनीता किडनी कांड, जिसके विरोध में 296 दिनों तक अस्पताल प्रांगण में धरना चला। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एसकेएमसीएच पहुंचकर पीड़िता को पांच लाख रुपए की सहायता दी, मगर विधायक अशोक चौधरी ने विधानसभा में इस मुद्दे पर एक शब्द तक नहीं बोला। इससे जनता में गहरा रोष पैदा हुआ।
शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है। सकरा बाजार का माध्यमिक विद्यालय, खानपुर प्यारे और नारोपट्टी का प्राथमिक विद्यालय जर्जर हैं। बुनियादी विद्यालय दुबहा, बघनगरी और बरियारपुर की स्थिति और भी दयनीय है। शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रखंड अधिकारी कोई ध्यान नहीं देते।किसानों और युवाओं की समस्याओं को भी अनदेखा किया गया।
सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं, लेकिन इन्हें चालू करने के लिए विधानसभा में कभी आवाज नहीं उठाई गई। क्षेत्र में तीन रेलवे स्टेशन—ढोली, दुबहा और सिंहों हैं, लेकिन यात्री सुविधाओं का अभाव है। दुबहा और सिंहों स्टेशनों पर दूरगामी ट्रेनों का ठहराव आज तक सुनिश्चित नहीं हुआ। इस मुद्दे पर भी विधायक ने कभी पत्राचार नहीं किया।
भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकारी कार्यालयों में बिना घूस दिए काम होना लगभग असंभव है। शराबबंदी के बावजूद चौक-चौराहों पर परचूनिया दुकानदार अवैध शराब बेचते हैं। विधायक के कार्यकाल में इस पर भी कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।
इन दिनों विधायक अशोक कुमार चौधरी की तबीयत ठीक नहीं चल रही है। चर्चाएं हैं कि वे आगामी चुनाव में अपने पुत्र को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं, लेकिन जनता और एनडीए के स्थानीय कार्यकर्ता खुलकर इस बार "लोकल उम्मीदवार" की मांग उठा रहे हैं। जदयू के कार्यकर्ताओं में भी गहरा आक्रोश है।
विधायक ने किया विकास कार्यों का वादा
- सबहा मरीचा सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है।
- सकरा रेफरल अस्पताल में भवन का निर्माण हो रहा है।
- सभी पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण हो रहा है।
- बरियारपुर थाना भवन का निर्माण हो रहा है।
- कटेसर लोहरगामा में खेल मैदान का निर्माण कार्य।
- विधालय में खेल कोड का निर्माण कराया गया।
- पिलखी स्थित रामदुलारी मिठ्ठू लाल मातृ सदन को चालू कराया गया।
- पांच वर्षों में 154 योजनाओं को पूर्ण कराया गया।
- सकरा विधानसभा क्षेत्रों में सात पुलों के निर्माण कार्य की स्वीकृति मिली है।
- गरीब परिवार के बच्ची के शादी में निजी कोष से पांच हजार की आर्थिक मदद।
क्या बोले विधायक अशोक कुमार चौधरी?
विधायक अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि सकरा के जनता के लिए उनका दरवाजा हमेशा खुला रहता है। उनके सुख दुख में हमेशा खड़े रहते हैं। सकरा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया है ।आने वाले समय में एक भी सड़क जर्जर नहीं रहेंगी। गरीबों को मदद आवश्यकता अनुसार नीजी कोष से किया जाता है ।
क्या बोले निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ई के उमेश कुमार राम?
कांग्रेस ई के प्रतिद्वंद्वी उमेश कुमार राम ने बताया कि सकरा में विकास कम दिखावा ज्यादा हुआ है। मंदिरों के निर्माण कार्य में केवल पैसा दे देने से विकास नहीं होता। विकास एव युवाओं को रोजगार के लिए विधायक के पास कोई कार्ययोजना नहीं है। धनबल का प्रयोग कर आम लोगो को विकास का सब्जबाग दिखाया गया है। जनता में आक्रोश बढ़ा है ।
सकरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता:-
श्रेणी | संख्या |
---|---|
कुल मतदाता | 2,76,129 |
पुरुष वोटर | 1,45,711 |
महिला वोटर | 1,30,415 |
ट्रांसजेंडर | 04 |
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