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    Bihar Politics: कांटी विधानसभा में चुनावी पारा हाई, इसराइल मंसूरी और अजीत कुमार में छिड़ी सियासी जंग

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 04:43 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के कांटी विधानसभा क्षेत्र में बिहार चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज है। वर्तमान विधायक इसराइल मंसूरी और पूर्व मंत्री अजीत कुमार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अजीत कुमार ने मंसूरी के कार्यकाल को विफल बताया है जबकि मंसूरी ने विकास कार्यों का हवाला दिया है। जनता पुराने वादों का हिसाब मांग रही है और बेरोजगारी भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे भी छाए हुए हैं।

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    पूर्व मंत्री अजीत कुमार और वर्तमान विधायक इसराइल मंसूरी

    राजीव रंजन, कांटी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के साथ ही मुजफ्फरपुर के कांटी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी जहां अपने विकास कार्यों और मतदाताओं के सम्मान की बात कहकर दोबारा चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं, वहीं उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने उन पर तीखा हमला बोला है। अजीत कुमार ने मंसूरी के पांच साल के कार्यकाल को फेलियर बताते हुए उन्हें जनता की अदालत में जवाब देने की खुली चुनौती दी है।

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    अजीत कुमार का आरोप है कि वर्तमान विधायक ने कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं किया और विकास कार्यों के प्रति उदासीन रहे। उनका कहना है कि इस कार्यकाल में केवल विधायक का ही विकास हुआ है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जिस माई समीकरण के मतदाताओं ने मंसूरी को भारी मतों से जिताया था, वे भी आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। अजीत कुमार के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल  के कार्यकर्ता भी पार्टी से उम्मीदवार बदलने की लगातार मांग कर रहे हैं।

    दूसरी ओर, विधायक इसराइल मंसूरी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने अजीत कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद कभी सम्मान नहीं दे पाया, वह सम्मान की भाषा क्या जाने। जिस एनडीए गठबंधन से टिकट के लिए लालायित हैं, उसी एनडीए का कार्यकर्ता सम्मान की लड़ाई के लिए उनका खुलकर विरोध कर रहा है।

    मंसूरी ने अजीत कुमार की लगातार दो चुनाव में करारी हार का जिक्र करते हुए कहा कि जनता ने उन्हें दस साल से नकार दिया है और अब मतदाता उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं। कांटी में जिस रफ्तार से विकास की योजनाएं धरातल पर आई है , उससे आम जनता काफी खुश है। विरोधियों को विकास से जलन होता है और वह अनर्गल बातें बोलकर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं। जर्जर सड़कें, क्षतिग्रस्त स्कूल एवं अन्य सरकारी भवनों से लेकर सैकड़ों चबूतरा का निर्माण तथा सार्वजनिक जगहों पर पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए सैकड़ों चापाकल गरीब मतदाताओं को सीधे विकास योजनाओं से लाभान्वित कर रहा है। 

    फिलहाल, दोनों प्रमुख नेता एक-दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं और अपने-अपने कार्यकाल को बेहतर साबित करने की कोशिश में जुटे हैं। हालांकि, दोनों का टिकट अभी आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं हुआ है। इसराइल मंसूरी राजद के टिकट को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता हैदर आजाद एवं अन्य की दावेदारी उनके लिए सिरदर्द बनी हुई है।

    वहीं, अजीत कुमार भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन गठबंधन सूत्रों के अनुसार, यह सीट जनता दल (यूनाइटेड) के खाते में जा सकती है। ऐसी स्थिति में अजीत कुमार के पाला बदलने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।

    'नौ चुनावी वादों' का 'पोस्टमार्टम'

    कांटी विधानसभा में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच विधायक इसराइल मंसूरी के 2020 के विधानसभा चुनाव में किए गए नौ वादों पर मतदाताओं के बीच चर्चा आम है। लोग इन वादों के पंपलेट में किए गए वादों का हिसाब-किताब मांग रहे हैं। अधिकतर जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है और विधायक के वादों को पूरा करने में विफल  बता रहे हैं। बेरोजगारों को नौकरी एवं रोजगार देने से लेकर कांटी के प्रमुख धार्मिक स्थलों को पर्यटन सर्किट से जोड़ने के मुख्य वादों पर विधायक पूरी तरह फेल दिख रहे है।

    थर्मल से पांच किमी दायरे में मुफ्त बिजली, बगाही क्षेत्र को प्रखंड मुख्यालय से जुड़ने के लिए पकड़ी गांव में बूढ़ी गंडक नदी पर पुल का निर्माण के साथ साथ स्वच्छ प्रशासन, अपराध एवं भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए जनता पांच साल तक इंतजार करती रह गई, लेकिन परिणाम ठाक के तीन पात ही साबित हुआ। 

    अब चुनाव के समय में मतदाता जानना चाहती है कि आखिर उन वादों का क्या हुआ, जिन्होंने पांच साल पहले सुनहरे भविष्य का सपना दिखाया था। वर्तमान कार्यकाल अपने अंतिम चरण में है और कांटी की जनता अच्छे दिन की तलाश में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में जनता इन नौ वादों की गुत्थी को कैसे सुलझाती है। क्या वो विकास की आस में फिर से मतदान करेगी या ठगा हुआ महसूस करने का इनाम देगी?

    कांटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दो प्रखंड कांटी व मड़वन है। कांटी में एक नगर परिषद व 20 पंचायत और मड़वन प्रखंड में कल 14 पंचायतें हैं। कांटी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव से पहले स्थानीय मुद्दे गरमा गए हैं। यहां के लोग रोजगार, भ्रष्टाचार और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर नेताओं से नाराज हैं। कांटी में एनटीपीसी के अधीन चल रहे थर्मल पावर प्लांट की स्थापना पूर्व सांसद जॉर्ज फर्नांडीज के प्रयासों से हुई थी, लेकिन अब यह प्लांट स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का बड़ा मुद्दा बन गया है। पांच किमी के दायरे में मुफ्त बिजली देने का वादा भी पक्ष विपक्ष के लिए आने वाले चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा।

    वर्तमान विधायक इसराइल मंसूरी और पूर्व विधायक अजीत कुमार ने चुनाव के दौरान स्थानीय लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन आज भी अधिकतर युवा बेरोजगार हैं। जिन्हें नौकरी मिली भी है, वे अधिकतर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं।

    इसके अलावा, प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार भी एक बड़ी समस्या है। दाखिल-खारिज और अन्य प्रमाणपत्र बनवाने में लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है। थर्मल प्लांट की राख (छाई) के अवैध खनन से जुड़ी हिंसा में राहुल सहनी की हत्या हो चुकी है, लेकिन माफियाओं का वर्चस्व अभी भी कायम है। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र कागजों पर ही संचालित हो रही है। कृषि, पशुपालन, खाध आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विभाग बिचौलियों के कब्जे में है। पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर तक की विकास योजनाएं अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के पॉकेट गर्म कर रहा है। आम जनमानस विकास की आस में देख रही है लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।

    दूसरी ओर, सदातपुर स्थित सुधा डेयरी प्लांट से निकलने वाले दूषित जल के कारण आसपास के गांवों में बीमारियां फैल रही हैं। लगातार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। चुनाव नजदीक आने पर ये सभी मुद्दे जनता के लिए अहम हो गए हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों से इन ज्वलंत मुद्दों पर जबाब देना होगा। 

    विधायक के पांच साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्य

    • सैकड़ों सड़कों का निर्माण व कालीकरण
    • कई महत्वपूर्ण आरसीसी पुलों का निर्माण
    • प्रखंड मुख्यालय में अंबेडकर पार्क का निर्माण
    • विद्यालयों में डेस्क बेंच और स्मार्ट क्लास की व्यवस्था
    • शुद्ध पेयजल के लिए फरवरी सरकार विभिन्न विद्यालय व धार्मिक स्थान पर करीब 500 चापाकल की व्यवस्था
    • जर्जर विद्यालय एवं अन्य सरकारी भवनों का मरम्मती 
    • सैकड़ों धार्मिक स्थल पर चबूतरा का निर्माण
    • बेरोजगारों को समुचित रोजगार की व्यवस्था
    • शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए सतत् प्रयास

    क्या बोले प्रतिद्वंदी पूर्व मंत्री अजीत कुमार?

    विगत 5 साल तक वर्तमान विधायक इसराइल मंसूरी केवल अपने विकास में लग रहे। जनता की परेशानियों से उनका कोई लेना-देना नहीं रहा। खुद के कार्यकर्ताओं को भी सम्मान नहीं दे सके। जिनके कार्यकाल में अवसर शाही हावी रही और जनता अपने काम के लिए दर-दर को भटकती दिखाई। अब समय आ गया है जनता चुनाव के मैदान में एक-एक वादा खिलाफी का हिसाब लेगी। मैं 10 वर्षों से विधायक नहीं रहते हुए भी क्षेत्र की जनता से मेरा जुड़ाव सार्वजनिक है। हर कोई किसी भी सुख दुख में मुझे याद करता है और मैं तुरंत पहुंच जाता हूं। अब जनता वर्तमान विधायक के कारनामों से ट्रस्ट है। मतदाता आने वाले चुनाव में अपने साथ में हर अन्य का जवाब वोट की मार से देंगे।

    क्या बोले विधायक व पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी?

    क्षेत्र में काम की बदौलत जनता संतुष्ट है और मैं भी जनता से संतुष्ट हूं। पांच वर्षों के कार्यकाल में मैं हमेशा सभी वर्गों को साथ लेकर चला और उनके दुख सुख में हमेशा साथ रहकर पूरा मान सम्मान दिया। आज आम लोगों के सम्मान के कारण ही मैं पुनः चुनाव मैदान में आशीर्वाद लेने के लिए आ रहा हूं। कोरोना के भीषण काल में दामोदरपुर में बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को चालू करवा कर लाखों मरीजों की जिंदगी बचाई। इस ऑक्सीजन प्लांट से मुजफ्फरपुर के साथ-साथ उत्तर बिहार के अधिकतर जिले में कोरोना के मरीजों को नई जिंदगी मिली। मेरे दरवाजे आम लोगों के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं। मैं पूरे मान सम्मान के साथ उनकी समस्याओं की निराकरण के लिए प्रयासरत रहा। मैंने कभी भी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया। इसी का परिणाम है कि आज हर वर्ग और समाज में हमारे चाहने वाले हजारों में हैं, जिनका आशीर्वाद मुझे पुनः विधानसभा में कांटी की आवाज उठाने का मौका देगी।