Bihar Land Acquisition: इस जिले में 26 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी नीतीश सरकार, 140 परिवार होंगे प्रभावित
मुजफ्फरपुर में बागमती विस्तारीकरण परियोजना के लिए गायघाट के कांटी पिरौछा में 26.368 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होगा जिससे 140 परिवार प्रभावित होंगे। समाहर् ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बागमती विस्तारीकरण परियोजना को लेकर बाएं और दाएं तटबंध का निर्माण किया जा रहा है। ताकि लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके। इसे लेकर गायघाट के कांटी पिरौछा में 26.368 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। करीब 140 परिवारों से यह भूमि अधिग्रहित की जाएगी।
समाहर्ता ने इसके अधिग्रहण की स्वीकृति प्रदान करते हुए अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया है। इससे इन परिवारों के विस्थापित होने की भी संभावना है। इसे देखते हुए विस्थापित होने वाले परिवार को पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए समाहर्ता ने अपर समाहर्ता को प्रशासक नियुक्त किया है।
साथ ही अधिग्रहित की जाने वाली भूमि की खरीद-बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। अधिसूचना के प्रकाशन के बाद अगर कोई व्यक्ति उक्त जमीन की खरीद बिक्री करता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जारी अधिसूचना में भूमि की किस्म और रैयत के नाम के साथ रकबा का भी प्रकाशन कर दिया गया है।
भूमि की योजना का निरीक्षण जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय में किसी कार्यदिवस में किया जा सकेगा। इसके अलावा अपेक्षित किसी भूमि का सर्वेक्षण एवं उसकी प्रविष्टि करने, भूमि को किसी स्तर पर मापने के लिए अथवा अन्य कार्यों के संचालन को लेकर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और उनके कार्यालय के कर्मी को प्राधिकृत किया गया है।
कागजात का सत्यापन कर किया जाएगा मुआवजा भुगतान:
अब इन सभी रैयतों से जमीन संबंधित कागजात प्राप्त कर इसका सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद शिविर का आयोजन कर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए अलग से तिथि जारी की जाएगी। इससे पूर्व रैयतों को अपडेट लगान रसीद और एलपीसी प्राप्त करना अनिवार्य होगा। तभी भुगतान की प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
गायघाट के जारंग में बनेगा 132 केवी ग्रिड उपकेंद्र
दूसरी ओर, गायघाट प्रखंड अंतर्गत जारंग में 132 केवी ग्रिड उपकेंद्र के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। करीब दो साल से इसके निर्माण को लेकर भूमि चिह्नित करने की जद्दोजहद समाप्त हो गई है। दरअसल पूर्व में यह योजना मैठी में प्रस्तावित थी। इसे लेकर वहां पर सरकारी भूमि की खोजबीन की जा रही है, लेकिन तीन एकड़ भूमि उपलब्ध नहीं हो सकी।
इसके बाद निजी जमीन की तलाश की गई। इसकी भी अनुपलब्धता रही। अब विभाग ने मैठी से कुछ दूरी पर जारंग में तीन एकड़ निजी जमीन चिह्नित की है। इसे लीज पर लेकर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। रैयत की ओर से इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। भूमि की किस्म का निर्धारण हो गया है। यह दो फसला जमीन है।
अब इसी आधार पर राशि भुगतान की प्रक्रिया पूरी होगी। बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के भू-अर्जन पदाधिकारी की ओर से आम सूचना जारी कर दी गई है। जमीन से संबंधित कागजात प्राप्त कर इसका सत्यापन करते हुए रैयत से एनओसी लेने को कहा गया है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो।
कहा गया कि जिस भूमि पर रैयत के द्वारा निजी होने का दावा किया गया है। उससे संबंधित सभी आवश्यक कागजात का बारीकी से सत्यापन पूरा कर लें। साथ ही अगर किसी व्यक्ति को इसपर आपत्ति हो तो वे लिखित रूप से इसकी सूचना जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, गायघाट सीओ, विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता समेत अन्य को दे सकते हैं। उनकी आपत्ति पर विचार किया जाएगा और उनके दावे का सत्यापन होगा।
बेहतर होगी कई गांव में बिजली की व्यवस्था:
बताया गया कि गायघाट में ग्रिड उपकेंद्र के निर्माण से बेनीबाद, कटरा, बोचहां और हथौड़ी समेत कई गांव की 10 लाख से अधिक की आबादी को निर्बाद्ध बिजली की उपलब्धता होगी। इससे क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था में सुधार होगी। अगर किसी प्रकार की खराबी होती है तो इसे तुरंत ठीक भी किया जा सकेगा।
अभी जिस ग्रिड से बिजली की आपूर्ति होती है, उसपर से लोड भी कम होगा। ग्रिड उपकेंद्र में 20 से अधिक बड़े-बड़े ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। विद्युत विभाग के अभियंता से लेकर तमाम तकनीकी टीम के पदाधिकारी यहां पर आवासन भी करेंगे।

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