आयकर विभाग ने शुरू की संपत्ति खरीद-बिक्री में नकद लेनदेन पर जांच, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई यह कार्रवाई
मुजफ्फरपुर में आयकर विभाग ने संपत्ति खरीद-बिक्री में नकद लेनदेन की जांच शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई हो रही है जिसमें दो लाख से अधिक के नकद लेनदेन नियम विरुद्ध पाए गए। आशंका है कि जिले में दो से तीस लाख मूल्य के जमीन सौदों में टैक्स चोरी हुई है। निबंधन कार्यालयों में ऐसे दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में नियम विरुद्ध नकद लेनदेन के आधार पर दो लाख से अधिक की संपत्ति की खरीद-बिक्री हुई है। ऐसा करने वाले निबंधकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। कर्नाटक के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशभर में यह जांच शुरू हुई है।
गुरुवार को आयकर की टीम ने भी इसी आदेश के आलोक में जिला निबंधन कार्यालय में जांच की। आशंका है कि पिछले तीन वित्तीय वर्ष में करीब 70 से 75 हजार ऐसे दस्तावेज हैं। दरअसल, नोटबंदी के बाद वर्ष 2017 से देश में नकद में दो लाख से अधिक के लेनदेन पर रोक लगा दी गई थी।
इसका उद्देश्य कालेधन के इस्तेमाल को रोकना था। इसके बावजूद जमीन व अपार्टमेंट समेत अचल संपत्ति की खरीद में दो लाख से अधिक का लेनदेन नकद में भी किया गया। कर्नाटक के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि बड़ी रकम का लेनदेन नकद में भी किया गया।
बेंगलुरु के आरबीएएनएमएस एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बनाम बी गुणशेखर के मामले की सुनवाई में कहा गया कि 75 लाख रुपये एडवांस का लेनदेन नकद में किया जाना चाहिए। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की खंडपीठ ने दो लाख या उससे अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए नकद में लेनदेन को नियम विरुद्ध माना।
जारी आदेश में कहा गया कि यदि किसी अचल संपत्ति से संबंधित किसी लेनदेन में किसी अन्य स्रोत से या तलाशी या मूल्यांकन कार्यवाही के दौरान दो लाख या उससे अधिक राशि का भुगतान किया गया है, तो पंजीकरण प्राधिकरण की इस अनियमितता को राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
ऐसे अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की प्रति मुख्य सचिव के साथ प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को भेजकर कार्रवाई के लिए कहा था। इस आदेश के बाद ही आयकर विभाग देश के पंजीकरण कार्यालयों की जांच कर रहा है।
दो से तीस लाख के लेनदेन के सबसे अधिक दस्तावेज
बताया जा रहा है कि जिले में दो से तीस लाख मूल्य की जमीन की खरीद-बिक्री के सबसे अधिक दस्तावेज हैं। माना जा रहा है कि यहाँ भी क्रेता और विक्रेता ने टैक्स चोरी के लिए बड़ी रकम का लेन-देन नकद में किया है।
विभाग से स्पष्ट निर्देश न मिलने के कारण निबंधन कार्यालय का कहना है कि ज़मीन बिक्री की रकम मिल गई है। इसके बाद ज़मीन की रजिस्ट्री की जाती है। ऐसा करके न सिर्फ़ नियमों का उल्लंघन होता है, बल्कि विक्रेता और क्रेता टैक्स की चोरी भी करते हैं। इसके अलावा, बड़ी मात्रा में काले धन का भी इस्तेमाल हो रहा है।
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