Kurhani Assembly Seat 2025: चकाचक सड़कों में समस्याएं गुम, कुढ़नी में अभी बहुत काम की है जरूरत
मुजफ्फरपुर के कुढ़नी क्षेत्र में विकास कार्यों पर सवाल उठ रहे हैं। मंत्री केदार गुप्ता को क्षेत्र की जनता से कई उम्मीदें थीं लेकिन कई वादे पूरे नहीं हो सके। मनियारी को प्रखंड बनाने की मांग अभी भी अधूरी है और नदियां सूख गई हैं। शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में भी सुधार की जरूरत है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में कमीशनखोरी बढ़ गई है।

प्रेमशंकर मिश्र, मुजफ्फरपुर। बिहार विधानसभा चुनाव में कुढ़नी की सीट चर्चित रही है। आम चुनाव में भाजपा (जदयू-भाजपा साथ) उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता महज 712 वोटों से राजद के अनिल सहनी से चुनाव हार गए थे। केदार के भाग्य ने दो साल बाद साथ दिया। अवकाश एवं यात्रा घोटाले में राऊज एवेन्यू कोर्ट से सजा के फैसले के बाद अनिल सहनी की सदस्यता रद हो गई।
उपचुनाव में जदयू-राजद के संयुक्त उम्मीदवार मनोज कुशवाहा को केदार गुप्ता ने करीब चार हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज की। उपचुनाव में यह सीट हाइप्रोफाइल रही। उपचुनाव के सवा साल बाद जदयू के फिर से एनडीए में आने पर नई सरकार का गठन हुआ। इसमें केदार प्रसाद गुप्ता को भी पंचायती राज मंत्री के रूप में जगह मिल गई।
मंत्री पद मिलने के बाद क्षेत्र की जनता की आकांक्षा और बढ़ गई। चुनाव के समय नया प्रखंड, विकास, रोजगार, बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क आदि वादे किए गए। इनमें से कुछ ही पूरे हो सके। एक सड़क निर्माण को छोड़ दें तो अन्य क्षेत्र में विशेष काम नहीं हुआ है। कुढ़नी विधानसभा में एक ही प्रखंड है। इसमें 37 पंचायत और दो नगर पंचायत हैं। प्रखंड को दो हिस्सों में बांटे तो एक पूरब और एक पश्चिम है। ऐसे में मनियारी को अलग प्रखंड बनाने की मांग वर्षों से है। चुनाव में यह वादा भी हुआ।
पिछले दिनों केदार गुप्ता के प्रस्ताव पर ग्रामीण विकास विभाग ने रिपोर्ट जरूर मांगी, मगर यह पूर्व की तरह ठंडे बस्ते में चली गई। इससे 14 पंचायत और एक नगर पंचायत माधोपुर सुस्ता के लोगों के लिए कुढ़नी स्थित प्रखंड मुख्यालय जाना ही मजबूरी है।
बस नदियों की धारा रेखा ही दिखती:
कई नदियों का प्रवाह क्षेत्र कुढ़नी है। यहां गांव में पुराने लोग कहते हैं, नून, कदाने, वाया...तीनों तीरथ भाया। यानी नून, कदाने और वाया नदी यहां के लोगों की जीवन से जुड़ी थी, मगर आज ये नदियां सूख गई हैं। बरसात के समय खेत डुबाने के लिए ही इन नदियों में पानी आता है। इन्हें जीवित करने की आवाज नहीं उठी। बरसात में बाढ़ से बचाव को लेकर भी ठोस कदम नहीं उठे।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में काम की जरूरत:
विधानसभा क्षेत्र में 102 से अधिक शिक्षा के लिए सरकारी कॉलेज नहीं हैं। तकनीकी शिक्षा के नाम पर भी कुछ नहीं है। मनियारी में अंग्रेजों के समय बने भवन में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है तो कुढ़नी में सीएचसी। यह सब पुरानी और नीतिगत व्यवस्था के तहत ही है। नया कुछ भी नहीं हो सका। दो एनएच के गुजरने के कारण इसके आसपास के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। मगर समेकित रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाला विशेष कार्य नहीं हो सका। इस कारण क्षेत्र से मजदूरों का प्रवासन नहीं रुक सका।
कम होने की जगह बढ़ गया कमीशन:
कमीशन की शिकायत वर्षों से रही है। यहां के लोगों की अपेक्षा थी कि क्षेत्र के मंत्री बनने के बाद इसपर लगाम लगेगी, मगर यह नहीं हुआ। निर्माण कार्य से लेकर सरकार की सभी योजनाओं में कमीशन की शिकायत आम है। गांव-गांव, चौक-चौराहों पर यही बात सुनी गई, बिना कमीशन कुच्छो ना होय छै। राशन कार्ड बनाउ या जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, सब में कमीशन चाही।
विकास में पिछड़ रहा कुढ़नी
वीआईपी के प्रदेश उपाध्यक्ष निलाभ कुमार कहते हैं कि कुढ़नी विधानसभा के वर्तमान विधायक जनता का अपमान कर रहे हैं। कुढ़नी विकास में पिछड़ रहा है। युवा वर्ग के लिए कोई विजन नहीं है। क्षेत्र में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर वह कई बार जीते, लेकिन उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है। जनता त्रस्त हो चुकी है। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता बदलाव के मूड में है।
विधायक ने किया विकास कार्यों का दावा-
- पूर्वी क्षेत्र से प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण।
- छोटा-बड़ा तीन सौ से अधिक सड़क व दर्जनों पुल-पुलिया का निर्माण।
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में मनियारी एवं कुढ़नी में सुविधाएं बढ़ाई गईं।
- दर्जनभर पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण।
- कुढ़नी उच्च विद्यालय समेत दर्जनों प्लस टू विद्यालयों में भवन के साथ बेंच-डेस्क और स्मार्ट क्लास की सुविधा।
- प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में भवनों का जीर्णोद्धार, शौचालय का निर्माण।
- क्षेत्र में सैकड़ों ट्रांसफार्मर लगाए गए। जर्जर तार 50 प्रतिशत से अधिक बदलवाए गए।
- किसानों के लिए बोरिंग का विद्युतीकरण कार्य किया गया।
- नल-जल योजना में मरम्मत कार्य में सात करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।
- गरीबों के घर जलने से समय से सरकारी और एक हजार रुपये की व्यक्तिगत मदद। हादसे में मृत लोगों को सरकारी सहायता से लेकर हरसंभव मदद पहुंचाई गई।
- एक करोड़ 10 लाख रुपये से दो पशु चिकित्सालय निविदा की प्रक्रिया में है।
चुनाव में इन मुद्दों पर की गई थी बात-
मनियारी को प्रखंड बनाने की मांग यहां सालों से हो रही है। हर बार चुनाव में यह मुद्दा बनता है। कुढ़नी में चीन मिल खोलने की मांग पूरी नहीं हो सकी। बगैर बांध वाली कदाने व फरदो नदी से बरसात के समय किसानों को भारी नुकसान होता है। तटबंध निर्माण के साथ इसकी उड़ाही जरूरी। चिकित्सा सेवाओं का हाल खस्ता है। रोजगार के लिए यहां से हजारों मजदूरों का प्रवासन होता है। हरपुर बलड़ा पंचायत के करमचंद बलरा एवं मथुरापुर को जोड़ने वाली सड़क के बीचोंबीच नून नदी पर अब भी चचरी पुल।
जनता के लिए मेरा दरवाजा 24 घंटे खुला रहता है। उनकी शिकायतों को सुनकर उसका निदान कराया। गांव-गांव को सड़क से जोड़ने का काम किया। इससे प्रखंड व अंचल मुख्यालय से लेकर एनएच तक लोगों को जाने में सहूलियत हुई। सबसे महत्वपूर्ण मनियारी को प्रखंड बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर प्रस्ताव दिया था। इसके लिए सरकार के स्तर से प्रयास जारी है। स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के साथ वहां समुचित इलाज की व्यवस्था कराई गई। स्कूल भवन के निर्माण से लेकर उसका जीर्णोद्धार कराया। बिजली की गांव-गांव आपूर्ति के लिए सैकड़ों ट्रांसफार्मर लगवाए गए। - केदार प्रसाद गुप्ता, मंत्री पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
महंत मनियारी की रेखा देवी ने बताया कि जनता के लिए मंत्री हमेशा उपलब्ध रहे। मेरा पोता एक अस्पताल में भर्ती था। दो लाख से अधिक बिल होने पर अस्पताल वाला उसे बेचना चाह रहा था। मैं पंच हूं। इसके बाद भी कोई मदद नहीं मिली। मंत्री ने बात सुनी। अस्पताल का बिल भी खत्म हुआ और पोता भी मुझे मिल गया। जगह-जगह निर्माण कार्य होने से मैं भी मजदूरी कर परिवार को चला पा रही हूं
फुलवरिया के अमन कुमार का कहना है कि विधायक को जो फंड मिलता है उसपर ही कुछ काम हुआ। एक मंत्री के रूप में क्षेत्र में कोई काम नहीं दिख रहा है। कमीशनखोरी का बोलबाला है। सड़क या अन्य निर्माण का काम भी इसलिए अधिक हुआ कि इसमें कमीशन है। पंचायती राज मंत्री के क्षेत्र में पंचायतों में योजनाओं का हाल देखिए। सोलर लाइट हो या नल-जल योजना सब में भ्रष्टाचार है।
दूसरी ओर, शाहपुर के जितेंद्र कुमार ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं, हर जगह काम हो रहा है। सड़क बन रही है, जनता की समस्या का निदान भी हो रहा है। मगर कमीशन का खेल भी चल रहा है। पौने तीन करोड़ से पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो रहा था। लाखों रुपये खर्च होने के बाद इसे एक जगह से हटाकर दूसरी जगह कर दिया गया। जो नदी के बहाव क्षेत्र का बहाना बनाया गया, वह दूसरी जगह भी है।
वहीं, बाघी की चिंता देवी ने कहा कि मरीचा योजना के लाभ मिल रहल हय। सब कार्ड बनल, मगर डीलर सब राशन दैय में दिक्कत करई यै। अगल-बगल में सबके रोड बनल बलू हमरा सबके में परेशानी हय। बाघी चिकनी से बाघी गोपीनाथ जाय वला रस्ता में बड़का बड़का गड्ढा ना ठीक होल। बाकी किसान सबके लेल भी काम होबे के चाही। गांव में फसल बिके के बढ़िया व्यवस्था हो जाइत तो आरो फायदा मिलत।
विधानसभा के मतदाता
- कुल मतदाता : 3,14,852
- पुरुष : 1,66,821
- महिला : 1,48,028
- ट्रांसजेंडर : 03
सड़क एवं सर्व सुलभता
क्षेत्र में सबसे अधिक काम सड़कों पर ही हुआ है। केंद्र से लेकर राज्य सरकार की प्राथमिकता में सड़क निर्माण का काम है। जाहिर तौर पर यहां भी सड़कों का निर्माण हुआ है। गांव में भी सड़कों का निर्माण हुआ है। इससे गांव-गांव तक कनेक्टिविटी हुई है। सड़क के साथ मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता का भी जनता से कनेक्शन बेहतर है।
क्षेत्र के अधिकतर लोगों ने बताया कि उनकी हर शिकायत मंत्रीजी सुनते हैं। घर पर भी उपलब्ध रहते हैं। छोटे कार्यक्रमों में भी उनकी उपस्थिति रहती है। हां, रेलवे के मामले में शिकायत जरूर है। विधानसभा में तीन रेलवे स्टेशन कुढ़नी, तुर्की एवं सिलौत है। इनमें से एक पर भी एक्सप्रेस या लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव नहीं है। ऐसे में लोगों को मुजफ्फरपुर या गोरौल स्टेशन जाना पड़ता है।
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