Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में MLA की धमकी से डरे DEO, ट्रांसफर के लिए तुरंत लिख डाली चिट्ठी
Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां जिला शिक्षा पदाधिकारी ने विधायक के डर से अपर मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर ट्रासफर के लिए कहा है। डीईओ ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक हम पर गलत काम करने का दबाव बनाते हैं। विधायक हमें गालियां देते हैं। हमारा ट्रांसफर कर दिया जाय।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जिले में पारू विधायक अशोक कुमार की धमकी के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह ने स्थानांतरण के लिए अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजा। जिला शिक्षा पदाधिकारी पद को छोड़ किसी दूसरे पद पर पदस्थापित करने का अनुरोध किया है।
अपर मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा कि सरकारी आवास पर सुबह 09:30 बजे पारू विधायक अशोक कुमार सिंह ने आकर नियम विरुद्ध कार्य करने का दबाव बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि 8 से 10 लोगों ने स्कूलों में मरम्मत व निर्माण कार्य किया, लेकिन उनके पास कार्यादेश नहीं है।
डीईओ ने पारू विधायक पर लगाए गंभीर आरोप
डीईओ ने कहा कि विधायक ने कार्यादेश के बिना ही जबरन भुगतान करने के लिए कह रहे हैं। कार्य करने में असमर्थता जताई तो विधायक ने गालियां दीं। विरोध पर धमकी दी गई कि तुमको उठवा लेंगे और देखते है हम कि तुम कैसे नहीं काम करते हो।
घटनाक्रम की जानकारी जिलाधिकारी को दी गई है। अपर मुख्य सचिव से अनुरोध किया गया कि इस परिस्थिति में जान-माल की सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानांतरित किया जाए। वहीं यह भी कहा गया कि पांच फरवरी को लेवल 13 स्तर की प्रोन्नत्ति भी मिल चुकी है।
डीईओ के आरोप पर विधायक का आया जवाब
वहीं पारू विधायक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि डीईओ कमीशनखोरी करते हैं। उनके कुछ कार्यकर्ताओं ने विद्यालयों में काम किया था। इसके भुगतान के लिए आग्रह किया था। कमीशन नहीं देने का कारण डीईओ उतावला होकर अनाप-शनाप बोलने लगे। इसका विरोध किया।
विधायक ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ वह चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा, किसी को आज तक धमकी देने का काम नहीं किया हूं। 20 वर्षों से विधायक हूं। कभी किसी की चाय तक नहीं पी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) का मुख्य काम
- शिक्षा नीति का क्रियान्वयन: जिले में शिक्षा संबंधी नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना।
- स्कूलों की निगरानी: जिले के स्कूलों की निगरानी करना और उनकी गतिविधियों का मूल्यांकन करना।
- शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण: शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण के लिए आवश्यक कार्य करना।
- विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का विकास: विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं जैसे कि पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल के मैदान आदि का विकास करना।
- परीक्षा और मूल्यांकन: जिले में परीक्षा और मूल्यांकन की प्रक्रिया को संचालित करना।
- जिले में शिक्षा संबंधी आंकड़ों का संग्रह और विश्लेषण करना।
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