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    Muzaffarpur: बारिश ने मोड़ा मुंह, डीजल अनुदान देने की तैयारी में जुटा प्रशासन; DM ने भेजा प्रस्ताव

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 01:48 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में मानसून की धीमी गति से धान की रोपाई प्रभावित हुई है जिससे किसान चिंतित हैं। कृषि विभाग डीजल अनुदान देने की तैयारी कर रहा है क्योंकि रोपाई लक्ष्य से पीछे है। कुछ प्रखंडों में स्थिति बेहतर है जबकि कुछ में धीमी प्रगति है। किसान बारिश की कमी से परेशान हैं और प्रशासन लक्ष्य पूरा करने के लिए रणनीति बना रहा है।

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    बारिश ने मोड़ा मुंह, अब डीजल अनुदान देने की तैयारी में जुटा कृषि विभाग

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मानसून की धीमी चाल के कारण धान की रोपनी और पटवन कार्य प्रभावित हो रहा है। लगातार बारिश न होने से खेत सूखे पड़े हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में कृषि विभाग ने डीजल अनुदान देने की तैयारी शुरू कर दी है।

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    जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि डीजल अनुदान को लेकर जिला टास्क फोर्स की बैठक में सहमति बन गई है। इसकी अनुशंसा राज्य मुख्यालय को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि मानसून के कमजोर पड़ने से रोपनी लक्ष्य से पीछे चल रही है। लक्ष्य पूरा करने के लिए विभागीय स्तर पर पहल चल रही है।

    जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, धान रोपनी का कुल लक्ष्य 1,52,401.27 हेक्टेयर निर्धारित था, जबकि अब तक केवल 1,13,714.10 हेक्टेयर में ही रोपनी हो सकी है। यह कुल लक्ष्य का मात्र 74.61 प्रतिशत है, यानी अब भी लगभग 25 प्रतिशत क्षेत्र में रोपनी बाकी है।

    जिले के विभिन्न प्रखंडों में रोपनी की प्रगति भिन्न-भिन्न रही है। सकरा, कटरा, कुढ़नी, गायघाट, पारू और औराई जैसे बड़े प्रखंडों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, जबकि मीनापुर, मुरौल और बोचहा जैसे क्षेत्रों में रोपनी की रफ्तार काफी धीमी रही है।

    मुरौल में अब तक केवल 1,726 हेक्टेयर में ही रोपनी हुई है, जो लक्ष्य का 87.08 प्रतिशत है। मीनापुर में 70.60 प्रतिशत और बोचहा में सिर्फ 65.57 प्रतिशत रोपनी हुई है।

    मिठनसराय के किसान लक्ष्मण सहनी ने बताया कि बारिश की अनियमितता से खेती करना मुश्किल हो गया है। मड़वन के किसान रविशंकर का कहना है कि हालात को देखकर लगता है कि इस बार सूखा पड़ सकता है। किसान पंपसेट और बिजली पंप के सहारे पटवन कर रहे हैं।

    जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ने कहा कि प्रशासन खेतों की स्थिति और मौसम को देखते हुए लक्ष्य की पूर्ति के लिए विशेष रणनीति बना रहा है। किसानों को डीजल अनुदान देने की कवायद अंतिम चरण में है।