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    Muzaffarpur News: न्यूरोथेरेपी चिकित्सा को मान्यता दिलाने की सिविल सर्जन ने की पहल, विभाग को लिखा पत्र

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 06:51 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में जिलाधिकारी की पहल पर न्यूरोथेरेपी को मान्यता दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने विभाग को पत्र लिखकर इस प्राचीन पद्धति को मान्यता देने का आग्रह किया है। न्यूरोथेरेपिस्ट विपिन कुमार पाठक इस पद्धति से लोगों का उपचार और प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह शरीर की ग्रंथियों को संतुलित कर रोगों का उपचार करती है और इसमें दवा की आवश्यकता नहीं होती।

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    इस पद्धति से मरीजों का इलाज करते विशेषज्ञ। सौ. स्वयं

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News : भारत की प्राचीन वैदिक-वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति न्यूरोथेरेपी को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने इस पद्धति को मान्यता देने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा है।

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    उनका मानना है कि यदि इसे मान्यता मिलती है, तो इससे बड़ी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा। डॉ. अजय कुमार ने बताया कि उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय से वरीय उप समाहर्ता, जिला विकास शाखा की ओर से पत्र प्राप्त हुआ है।

    यह पत्र न्यूरोथेरेपिस्ट विपिन कुमार पाठक के आवेदन के संदर्भ में भेजा गया है, जिसके आधार पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। विपिन पाठक इस पद्धति से लोगों का उपचार कर रहे हैं और इसके प्रशिक्षण का कार्य भी कर रहे हैं।

    न्यूरोथेरेपी चिकित्सा में दवा और इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं होती। डॉ. लाजपत राय मेहरा ने वर्षों के शोध और अनुभव के आधार पर इस पद्धति का विकास किया। इसके मूल सिद्धांत वैदिक धर्मग्रंथों और प्राचीन भारतीय ज्ञान से प्रेरित हैं, जिन्हें आधुनिक शरीर-शास्त्र और शरीर-क्रिया-विज्ञान के अध्ययन से समृद्ध किया गया है।

    विपिन पाठक के अनुसार, इस पद्धति का उद्देश्य शरीर की ग्रंथियों और अंगों की कार्यप्रणाली को संतुलित कर रोगों के मूल कारण का उपचार करना है। प्रशिक्षित न्यूरोथेरेपिस्ट विशेष बिंदुओं पर नियंत्रित दबाव देकर रक्त और स्नायु प्रवाह को संतुलित करते हैं, जिससे ग्रंथियां पुनः सक्रिय होकर शरीर का रासायनिक संतुलन बहाल करती हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि विभाग की ओर से जो भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा, उसका पालन किया जाएगा।