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    देश ही नहीं विदेशों में भी मुजफ्फरपुर की लीची की धूम, लंदन और दुबई भेजी जाएगी खेप; अपेडा करेगी मदद

    Updated: Wed, 22 May 2024 07:31 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर की लीची की धूम अब देश ही नहीं विदेशों में भी मचेगी। हवाई जहाज और रेल मार्ग से देश के कोने-कोने में लीची पहुंच रही है। अब लंदन और दुबई के लोगों को भी शाही लीची का रसीला स्वाद मिलेगा। लीची को विदेश भेजने में अपेडा मदद करेगा। दरभंगा एयरपोर्ट से स्पाइस जेट से लीची भेजे जाने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया है।

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    पिछले वर्ष पहली खेप में मुंबई भेजी गई थी 1300 पेटी लीची।

    गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर की लीची की धूम अब विदेशों में भी मचेगी। हवाई जहाज एवं रेल के मार्ग से देश के कोने-कोने में लीची पहुंच रही है। अब लंदन और दुबई के लोगों को भी शाही लीची का रसीला स्वाद मिलेगा। लीची को विदेश भेजने में एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (अपेडा) मदद करेगा।

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    दरभंगा एयरपोर्ट से स्पाइस जेट से लीची भेजे जाने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी अधिकारिक साइट एक्स पर पोस्ट किया है।

    उन्होंने कहा है कि कृषि उद्यान योजना के तहत अब बिहार की मशहूर लीची आसानी से और बहुत कम समय में देश के कोने-कोने के अलावा विदेशों तक भी पहुंच सकेगी। इस सीजन में प्रतिदिन 15 टन लीची देश से लेकर विदेश तक भेजने का लक्ष्य रखा गया है।

    उड्डयन मंत्री ने शेयर की लीची की तस्वीर

    नागरिक उड्डयन मंत्री ने अपने पेज से दरभंगा एयरपोर्ट के साथ लीची की तस्वीर को भी साझा किया है। लीची को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री की ओर से इंटरनेट मीडिया पर किए गए पोस्ट के बाद कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (अपेडा) व भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह और एसोसिएशन के सलाहकार कृष्ण गोपाल सिंह से संपर्क साधा है।

    लंदन व दुबई से 1-1 टन लीची की डिमांड

    भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपेडा के बिहार-झारखंड-उत्तर प्रदेश के इंचार्ज डॉ. सीबी सिंह ने लीची के लिए दो देशों लंदन और दुबई से मिली डिमांड के बारे में जानकारी दी है।

    एसोसिएशन के सलाहकार ने बताया कि अगर मौसम का साथ रहा तो दो-तीन दिनों के दौरान शाही लीची में और रस भर जाएगा। उसके बाद लंदन-दुबई भेजी जाएगी।

    फिलहाल, एक-एक टन दोनों देशों में भेजने के लिए डिमांड आई है। उन्होंने कहा कि अपेडा द्वारा लीची भेजने में कस्टम क्लियरेंस से लेकर हर तरह की मदद की बात कही गई है।

    उच्च क्षमता यान से लीची की ढुलाई शुरू

    पवन एक्सप्रेस में उच्च क्षमता वाले पार्सल यान से मंगलवार को लीची की ढुलाई शुरू हो गई। इसकी क्षमता 24 टन है। इसके अलावा, इस ट्रेन में दो एसएलआर की बोगी भी लगी है। उसमें भी केवल मुजफ्फरपुर से ही लीची की लोडिंग होगी। इसके लिए रेल अधिकारी ने पहले ही पत्र जारी कर दिया है।

    पिछले साल पवन एक्सप्रेस में दरभंगा और समस्तीपुर में भी लीची लोडिंग की गई थी, लेकिन मुजफ्फरपुर अधिक लीची उत्पादक क्षेत्र होने के चलते रेल अधिकारी ने दोनों एसएलआर में केवल मुजफ्फरपुर से ही लीची लोडिंग का आदेश दिया है।

    पिछले साल पवन एक्सप्रेस का ठहराव मुजफ्फरपुर स्टेशन पर कम देर होने के कारण भी व्यापारी यहां से दरभंगा ले जाकर लीची लोड किए थे। इस बार लीची की लोडिंग को लेकर रेल अधिकारियों ने किसानों और लोडर के साथ पहले ही कई राउंड बैठक कर लिए।

    पिछले साल पहले दिन 1300 पेटी लीची मुंबई भेजी गई थी, लेकिन इस बार करीब एक हजार 49 ही लीची जा पाई है। यानी क्षमता से आधी लीची ही जा सकी।

    बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह व एसोसिएशन के सलाहकार कृष्ण गोपाल सिंह ने बताया कि चुनाव के कारण लीची की तुड़ाई सोमवार को नहीं हो सकी। इसलिए कम लीची गई है। एक-दो दिनों में वीपी के अलावा दोनों एसएलआर में फुल लोड लीची जाएगी।

    मुंबई सहित आसपास के इलाके के लोग मुजफ्फरपुर की रसीली लीची का स्वाद चखेंगे। वीपी पर किसानों द्वारा मुजफ्फरपुर की शान शाही लीची का स्लोगन वाला पोस्टर भी चस्पा कर विदा किया है।

    लीची ढुलाई के लिए स्पेशल कार्यालय

    मुजफ्फरपुर जंक्शन से उच्च क्षमता पार्सल यान से लीची की ढुलाई के आधी-अधूरी तैयारी की खबर मंगलवार को दैनिक जागरण में छपने के बाद रेल अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। इंजीनियरिंग विभाग के कार्यालय के बगल से लीची के लिए बनाए गए सुरक्षित रास्ते में आनन-फानन में कार्यालय तैयार किया गया है।

    सिग्नल विभाग के कर्मियों द्वारा वजन वाली मशीन का आनलाइन लिंक जोड़ दिया गया है। अब वहीं से लीची का वजन होकर सीधे उच्च क्षमता वाले पार्सल यान में लोडिंग हो जाएगी। इसके लिए डीसीआइ नीरज पांडेय और पार्सल इंचार्ज एसएन चौधरी पूरी दिन इस कार्य में लगे रहे।

    लीची की लाली के लिए एक बार फिर मौसम अनुकूल

    लीची उत्पादक किसानों को मौसम का साथ मिला है। हल्की बारिश से लीची पर लाली चढ़ गई है। किसान लीची की तुड़ाई में जुट गए हैं। यहां से लीची की खेप बाहर के बाजार में जाने लगी है।

    मीनापुर की लीची उत्पादक किसान मालती सिंह ने बताया कि लगातार धूप से बाग में लीची की लाली प्रभावित हो रही थी। फल फट रहे थे। इधर दो दिनों से अचानक मौसम में बदलाव के कारण हल्की बारिश हुई। इससे लीची को फायदा हुआ है। बताया कि मीनापुर इलाके में अधिकांश किसान 25 तारीख के बाद लीची की तुड़ाई करेंगे।

    लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि धीरे-धीरे लीची उत्पादक किसान लीची की तुड़ाई करने लगे हैं। 25 मई को वैशाली लोकसभा का चुनाव खत्म होने के बाद इसमें तेजी आएगी। उसके बाद वाहनों के परिचालन में कोई समस्या नहीं रहेगी। अभी कहीं-कहीं पर किसानों को परेशानी हो रही है।

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