Muzaffarpur Govt School: खतरे की घंटी बजा रही बिजली, सामने पोखर खतरनाक
Kitne Surakshit Hain School औराई प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय (अजा) डकरामा में हर समय हादसे का डर रहता है। परिसर में ट्रांसफार्मर लगने होने और गुजर रहे हाईटेंशन तार की वजह से हमेशा दुर्घटना होने की आशंका रहती है। चहारदीवारी का अभाव है। टीन की छत के नीचे पढ़ाई होती है। अभिभावक बच्चों के लिए असुरक्षा महसूस करते हैं।

इंद्रजीत शर्मा, हथौड़ी (मुजफ्फरपुर)। Muzaffarpur Govt School infrastructure / Muzaffarpur school building condition: औराई प्रखंड के डकरामा गांव का उत्क्रमित मध्य विद्यालय (अजा) शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के लिए हर पल असुरक्षित है। विद्यालय के प्रांगण में एक ओर हाईटेंशन तार व ट्रांसफार्मर है तो दूसरी तरफ पोखर।
चहारदीवारी नहीं होने से विद्यालय परिसर खुला है। भवन भी जर्जर है। विद्यालय की दीवार पर रंग-रोगन तो किया गया है, लेकिन जर्जर टीन का छप्पर कभी भी धराशायी हो सकता है। यूं कहे कि असुरक्षित माहौल में बच्चे पठन-पाठन कर रहे हैं।
वरीय शिक्षक उमेश कुमार ने बताया कि यह विद्यालय महादलित बस्ती में वर्ष 1962 में स्थापित किया गया। जवाहर योजना के तहत खपरैल मकान बना था। वह ध्वस्त हो गया। वर्तमान में टीन के छप्पर युक्त दो कमरों में वर्ग एक से आठ तक की पढ़ाई होती है।
बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर। जागरण
विद्यालय में कुल 357 बच्चे नामांकित है। ज्यादातर नामांकित बच्चे महादलित परिवार के हैं। बारिश में छत से पानी टपकता रहता है। विद्यालय में बच्चे जमीन पर बैठ शिक्षा ग्रहण करते हैं, क्योंकि डेस्क-बेंच की संख्या महज 10 हैं। विद्यालय परिसर में लगा ट्रांसफार्मर हादसे को आमंत्रित कर रहा है।
विद्यालय में न पंखा है और न पेयजल की सुविधा। बिजली के नाम पर केवल मीटर लगा है। मीटर में भी विद्युत सप्लाई खुले तार से टोका लगाकर की जाती है। विद्यालय की टीन की छत से मात्र दो फीट की दूरी पर हाईटेंशन लाइन है, जिसमें 440 वोल्ट विद्युत धारा प्रवाहित होती है। तेज हवा में नंगे तार कभी भी छत के संपर्क में आ सकते हैं। इस कारण कभी भी हादसों से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
अभी कुछ दिन पहले ही विद्यालय का प्रभार मिला है। भवन के बारे में विभाग को जानकारी दे दी गई है। अन्य व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया जा रहा है।
रीतेश कुमार शर्मा, प्रधानाध्यापक
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