Muzaffarpur Govt School: जिले के एक दर्जन स्कूलों के करीब 2600 बच्चे असुरक्षित
Kitne Surakshit Hain School दैनिक जागरण के कितने सुरक्षित हैं स्कूल अभियान में मुजफ्फरपुर के कई स्कूलों की जर्जर हालत सामने आई। जर्जर इमारतों में सैकड़ों बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। कई स्कूलों में भवन निर्माण के लिए धन होने के बावजूद काम नहीं हो रहा। बारिश में खतरा और बढ़ जाता है। अधिकारी जल्द भवन उपलब्ध कराने की बात कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur Govt School infrastructure / Muzaffarpur school building condition: राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत ने जर्जर व्यवस्था की पोल खोल दी। इस जर्जर व्यवस्था को लेकर दैनिक जागरण ने कितने सुरक्षित हैं स्कूल अभियान चलाया।
हमारी टीम जिले के एक दर्जन ऐसे स्कूलों में पहुंचीं, जहां जान के खतरे के बीच नौनिहाल पढ़ाई करने को मजबूर हैं। यहां लाचारी के साथ लापरवाही भी दिखी। कई स्कूलों में भवन के लिए राशि आने के बाद भी इसका निर्माण नहीं हो सका है।
कई भवनों के लिए जमीन नहीं है। बारिश के समय इन जर्जर भवनों के गिरने का खतरा अधिक रहता है। इसे देखते हुए इन एक दर्जन स्कूलों के 26 सौ बच्चे फिलहाल जान को खतरे में डालकर ही पढ़ाई करेंगे।
विदित हो कि एक से 10 अगस्त तक दैनिक जागरण ने शहर से लेकर गांवों में उन स्कूलों का हाल जाना जहां भवन जर्जर हैं। शहर में 90 वर्षों से चल रहे नई तालिम मध्य विद्यालय कन्हौली की भवन देखकर यही लगा कि हादसा कभी भी हो सकता है। बच्चे कमरे की जगह बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते।
दूसरी ओर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ सुजीत कुमार दास यह कह रहे हैं कि जिन स्कूलों को भवन की जरुरत है, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। साहेबगंज के परसौनी गुलाबपट्टी स्कूल में पांच सौ अधिक बच्चे उस जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं जहां की छत से सरिया निकला हुआ है।
यह कभी भी भरभरा कर गिर सकता है। अन्य स्कूलों की कमोबेश यही स्थिति है। फिलहाल सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ सुजीत कुमार दास यह कह रहे हैं कि जिन स्कूलों को भवन की जरुरत है, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा।
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