Bihar Politics: कोई संभालेगा अपने पिता की विरासत तो किसी को पत्नी की जीत की आस, सियासी माहौल गर्म
मुजफ्फरपुर में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा गया है। सकरा में विधायक अशोक चौधरी के बेटे आदित्य विरासत संभालने उतरे हैं। वहीं, पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद औराई से किस्मत आजमा रही हैं। वैशाली सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल सिंह भी जदयू से मैदान में हैं। सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।

कोई संभालेगा अपने पिता की विरासत तो किसी को पत्नी की जीत की आस
बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। चुनाव चाहे कोई भी हो, इसमें अनोखे रंगरूप होते हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी जिले में कुछ इसी प्रकार की तस्वीर उभर कर सामने आ रही है। कोई उम्मीदवार अपने पिता की विरासत को संभालने के लिए दम लगा रहा है तो किसी की आस पत्नी पर टिकी हुई है।
जिले में छह नवंबर को मतदान होना है और चार को ही प्रचार का शोर थम जाएगा। इस दौरान सभी उम्मीदवार अपनी ओर से पूरी ताकत झोंकने में जुटे हैं। स्टार प्रचारकों का भी आनाजाना लगा है। इसमें कुछ ऐसे भी उम्मीदवार हैं जो अपने पिता तो कोई पति की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
सकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक अशोक चौधरी के पुत्र आदित्य कुमार चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार उनके पिता ने टिकट नहीं लिया। अपने पुत्र को चुनाव के मैदान में उतारा है। यानी वे अब अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने को तैयार हैं। पिता-पुत्र मिलकर क्षेत्र में जोरशोर से प्रचार अभियान चला रहे हैं।
आदित्य युवा हैं और इस कारण क्षेत्र में युवाओं के बीच उनकी चर्चा भी हो रही है। मुजफ्फरपुर लोकसभा से पूर्व सांसद अजय निषाद ने भी अपने पिता कैप्टन जयनारायण निषाद की विरासत को आगे बढ़ाया था। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से सांसद का चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली थी।
इस बार वे फिर से भाजपा में शामिल हुए और उनकी पत्नी रमा निषाद को टिकट मिल गया। औराई से वे पहली बार विधायक का चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व सांसद की आस अब उनकी पत्नी पर टिकी हुई है, इसलिए दोनों पति-पत्नी औराई में डटे हुए हैं।
सांसद और एमएलसी की बेटी दूसरी बार आजमा रहीं किस्मत:
वैशाली सांसद वीणा देवी और एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह की बेटी कोमल सिंह भी विरासत संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जदयू से वे चुनाव लड़ रही हैं। युवा और महिला होने के नाते क्षेत्र में उनकी भी चर्चा हो रही है।
पिछले विधानसभा चुनाव में भी वे गायघाट से मैदान में थीं, लेकिन हार मिली थी। इस बार उन्होंने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री भी मंगलवार को गायघाट में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे।
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