Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर वालों की बल्ले-बल्ले, सभी वार्डों में 25-25 लाख रुपये की लागत से होगा विकास
मुजफ्फरपुर नगर निगम के सभी वार्डों में 25-25 लाख रुपये की विकास योजना लागू की जाएगी। बाबा गरीबनाथ धाम कारिडोर का निर्माण होगा। स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव अब निगम खुद करेगा। ट्रेड लाइसेंस पर विलंब शुल्क नहीं लगेगा। बैठक की कार्यवाही का ऑनलाइन प्रसारण होगा। ये सभी फैसले नगर भवन सभागार में शनिवार को आयोजित नगर निगम बोर्ड की बैठक में लिए गए।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नगर निगम के सभी वार्डों में 25-25 लाख की विकास योजना का काम किया जाएगा। योजनाओं का एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है। एक साथ सभी योजनाओं का टेंडर निकाला जाएगा। बाबा गरीबनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। मंदिर के आसपास के इलाकों का सुंदरीकरण और कांवरिया पथ का विकास कार्य होगा।
चंदवारा सोडा गोदाम स्थित बलिदानी खुदीराम बोस चिता भूमि विकसित की जाएगी। शहर में वरीय नागरिकों व बच्चों के लिए अलग से पार्क बनाया जाएगा। यहां उनके लिए विशेष व्यवस्था होगी। अधिकारियों को स्थल चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है।
नगर भवन सभागार में बैठक
नगर भवन सभागार में शनिवार को महापौर निर्मला देवी की अध्यक्षता में नगर निगम बोर्ड की बैठक में उक्त निर्णय लिए गए।
बैठक में पहली बार शामिल हुए स्थानीय सांसद व केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी और एमएलसी वंशीधर ब्रजवासी का महापौर ने स्वागत किया। नगर विधायक विजेंद्र चौधरी एवं एमएलसी दिनेश सिंह भी बैठक में शामिल रहे। संचालन नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने किया।
नगर निगम स्वयं करेगा स्ट्रीट लाइट का रखरखाव
- बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर में लगी स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव व लगाने का काम अब नगर निगम स्वयं करेगा। पहले से इस काम को देख रहे ईईएसएल की सेवा बोर्ड ने समाप्त कर दी।
- नगर निगम एवं ईईएसएल के बीच हुए एकरारनामा के अनुसार एजेंसी को सात साल तक रखरखाव करना था, जिसकी समय सीमा फरवरी 2025 में समाप्त हो गई।
हालांकि, नगर आयुक्त का कहना था कि एजेंसी का कार्यकाल दिसंबर 2025 तक का है, क्योंकि उसने दिसंबर से काम शुरू किया था। सशक्त स्थायी समिति सदस्य राजीव कुमार पंकू ने कहा कि एकरारनामा के अनुसार एजेंसी का कार्यकाल फरवरी तक ही था। इसके बाद बोर्ड ने उसकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया।
मानव बल बहाल करने वाली एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर बहस
नगर निगम में मानव बल बहाल करने वाली चारों एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर बैठक में जमकर बहस हुई। महापौर की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल ने एजेंसी की बहाली को कठघरे में खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि पहले ही चार में से तीन एजेंसियों पर वित्तीय अनियमितता और एकरारनामा के उल्लंघन का आरोप था, बावजूद इसके फिर से उन्हें बहाल किया गया।
उन्होंने उनकी सेवा वापस लेने की बात कही। बोर्ड के सदस्यों ने भी इसपर सहमति जताई। इसके उपरांत महापौर ने चारों एजेंसियों की कार्यप्रणाली की जांच का आदेश दिया और दोषी पाए जाने पर उनकी सेवा समाप्त करने की बात कही।
जदूरों के पारिश्रमिक में इजाफे पर चर्चा
बैठक में दैनिक वेतनभोगी एवं दैनिक मजदूरों के पारिश्रमिक में 50 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि पर हुई चर्चा में संजय केजरीवाल ने केंद्र एवं राज्य सरकार के श्रम विभाग के निर्णयों का हवाला देते हुए सफाई मित्रों का पारिश्रमिक प्रतिदिन 634 रुपये करने की बात कही।
महापौर ने कहा कि अभी 50 रुपये की वृद्धि की जा रही है। बाद में इस पर विचार किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि नगर निगम के सभी दसों सफाई अंचलों में एक-एक बिजली व पंप मिस्त्री बहाल किए जाएंगे, ताकि संबंधित वार्ड में स्ट्रीट लाइट और पंप खराब होने पर उसकी मरम्मत की जा सके।
ट्रेड लाइसेंस पर विलंब शुल्क लगाए जाने पर हुई बहस
बैठक में एक बार फिर ट्रेड लाइसेंस पर विलंब शुल्क लगाए जाने को पर जमकर बहस हुई। संजय केजरीवाल ने सवाल उठाया कि ट्रेड लाइसेंस पर विलंब शुल्क नहीं लेने का प्रस्ताव पारित होने के बाद भी अब तक निगम प्रशासन द्वारा पत्र जारी नहीं किया जा रहा। इस कारण कर्मचारी वसूल रहे हैं।
इसके बाद दो दिनों में पत्र निकालने की बात नगर आयुक्त ने कही। कहा गया कि ट्रेड लाइसेंस एवं व्यावसायिक शुल्क में से एक को समाप्त करने के लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा जाएगा।
बैठक में वार्ड तीन के पार्षद मो. अंजार की मांग पर बोर्ड की अगली बैठक से कार्यवाही का ऑनलाइन प्रसारण करने का निर्णय लिया गया।
राशन कार्ड से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए एक सप्ताह के अंदर एसडीओ पूर्वी के साथ पार्षदों की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया। नगर आयुक्त ने 20 वार्डों में नल-जल की जांच पूरी होने की बात कहते हुए लंबित योजनाओं का टेंडर निकालने की बात कही।
नगर भवन में नगर निगम बोर्ड की बैठक में सवाल करते पार्षद।
नगर आयुक्त ने सिस्टम पर उठाया सवाल
विकास योजनाओं का एस्टीमेट तैयार होने के बाद भी बोर्ड द्वारा पारित नहीं किए जाने के कारण आगे का काम नहीं होने की बात की।
उन्होंने कहा कि जब तक बोर्ड स्वीकृति नहीं देगा तो वह टेंडर कैसे निकालेंगे। इसके बाद तुरंत महापौर ने चयनित योजनाओं को बैठक में पेश किया और बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की।
जलापूर्ति योजनाओं को लेकर पार्षदों की शिकायतों पर नगर आयुक्त ने कहा कि उनके पास अभियंताओं की भारी कमी है। सिर्फ एक कनीय अभियंता के बल पर काम करने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने नल-जल योजनाओं के चयन के तरीके पर भी सवाल उठाए।
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