कोल्ड डे में होगा नए साल का जश्न, अगले छह दिनों तक ठंड से राहत नहीं
Bihar Cold Wave News: मुजफ्फरपुर में अगले छह दिनों तक कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी, जिससे कनकनी और ठंड से राहत नहीं मिलेगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान स ...और पढ़ें

Muzaffarpur Weather Update: जेट स्ट्रीम व पछुआ हवा के प्रभाव से बनी कोल्ड डे की स्थिति। फोटो: जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। New Year Weather Alert: नए साल का जश्न इस बार ठिठुरन और कनकनी के बीच मनाना पड़ेगा। मौसम में आंशिक बदलाव के बावजूद ठंड से राहत के आसार नहीं हैं।
मौसम विभाग के अनुसार जिले में अगले छह दिनों तक कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी। दिन में कहीं-कहीं ही धूप निकलने की संभावना है, जबकि कई इलाकों में पूरे दिन ठंड और सर्द हवाओं का असर बना रहेगा।
बुधवार की सुबह आसमान साफ रहा और दोपहर में हल्की धूप भी दिखी, लेकिन पछुआ हवा के कारण ठिठुरन कम नहीं हुई। अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक नीचे दर्ज किया गया।
बुधवार को अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3.8 डिग्री कम था, जबकि न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
दिन भर औसतन 1.8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली पछुआ हवा ने ठंड का असर और बढ़ा दिया। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले छह दिनों तक देर सुबह कहीं-कहीं हल्की धूप निकल सकती है, लेकिन अधिकांश समय कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी।
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय मौसमी सिस्टम के कारण तापमान में गिरावट बनी हुई है। वरीय मौसम विज्ञानी डा. ए. सत्तार ने बताया कि जेट स्ट्रीम और लगातार चल रही पछुआ हवा के प्रभाव से ठंड और कोहरे की स्थिति कायम है।
उन्होंने कहा कि अगले छह दिनों तक अधिकतम तापमान 14 से 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।
सुबह के समय मध्यम स्तर का कुहासा छाया रहेगा। इस दौरान 5 से 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चल सकती है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 90 से 95 प्रतिशत और दोपहर में 45 से 50 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
क्यों बनी कोल्ड डे की स्थिति
वरीय मौसम विज्ञानी डा. सत्तार ने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी से निकलने वाली ठंडी और शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं मैदानी इलाकों की नमी से मिल रही हैं। इसके कारण घना कोहरा बन रहा है और धूप जमीन तक नहीं पहुंच पा रही है।
पश्चिमी विक्षोभ ठंडी हवा लेकर आता है, जो पछुआ हवा के रूप में बहती है और तापमान में लगातार गिरावट लाती है। यही स्थिति कोल्ड डे कहलाती है। कोल्ड डे के दौरान दृश्यता कम हो जाती है, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात भी प्रभावित होता है।

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