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    Muzaffarpur News: वार इमरजेंसी से निपटने के लिए मुजफ्फरपुर में कैसी व्यवस्था? पहले हर दिन सुबह 9 बजे बजता था सायरन

    Updated: Tue, 06 May 2025 03:23 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर शहर में नागरिक सुरक्षा केंद्र 2007 से बंद है जिससे आपातकाल में सुरक्षा का अभाव है। जिला स्कूल समाहरणालय एलएस कॉलेज में लगे सायरन गायब हैं। ...और पढ़ें

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    प्रमोद कुमार, मुजफ्फरपुर। शहर सेंकेंड लाइन ऑफ डिफेंस से वंचित है। युद्ध एवं आपातकाल में शहरवासियों को सचेत करने एवं हालात से निपटने के लिए शहर में स्थापित नागरिक सुरक्षा केंद्र को वर्ष 2007 में ही बंद कर दिया गया था।

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    शहरवासियों को सचेत करने के लिए जिला स्कूल, समाहरणालय, एलएस कालेज एवं चंदवारा पानी टंकी पर लगाए गए सायरन गायब हो चुके है।

    वर्तमान में एक बार फिर युद्ध के हालात को देखते हुए इसकी जरूरत महसूस की जा रही है। बताते चलें कि चीन के करीब होने तथा बाढ़ व भूकंप का प्रमुख क्षेत्र होने के कारण वर्ष 1981 में शहर के गृह रक्षा वाहिनी कार्यालय परिसर में नागरिक सुरक्षा केंद्र की स्थापना की गई थी।

    शहरवासियों को सचेत करने के लिए जिला स्कूल, समाहरणालय, एलएस कॉलेज एवं चंदवारा पानी टंकी पर सायरन लगाए गए थे। प्रतिदिन सुबह नौ बजे सायरन बजाकर चेक किया जाता था।

    केंद्र में हर साल चार-पांच सौ स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाता था, ताकि उनकी मदद से आपातकाल में हालात से निपटा जा सके। वर्ष 1992 तक केंद्र ठीक से चला।

    बाद में सरकारी अनुदान नहीं मिलने पर इसकी गतिविधियां ठप हो गईं। वर्ष 2006 में इसे चुपचाप बंद कर दिया गया। तबसे शहर सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस से वंचित हो गया।

    ये है सिविल डिफेंस

    सिविल डिफेंस युद्ध व प्राकृतिक आपदाकाल में नागरिकों को सुरक्षा एवं सहयोग देता है। चीन युद्ध 1962 के दौरान भारत में सिविल डिफेंस की स्थापना की गई। भारत-पाक युद्ध 1971 के बाद इसका विस्तार हुआ।

    आपातकाल में संगठन नागरिकों को प्रशिक्षण देकर अपनी सुरक्षा करते हुए दुश्मनों के नापाक इरादे को रोकता है। इसके स्वयंसेवकों को अवैतनिक स्वयंसेवकों का दर्जा प्राप्त होता है।

    केंद्र से प्रशिक्षित स्वयं सेवक सूरज कुमार राव ने कहा कि बाढ़ के दौरान हमें तैयार रहने को कहा जाता था। समय-समय पर परीक्षा ली जाती थी। कई मौके पर स्वयंसेवकों ने काम भी किया। लेकिन,अब केंद्र का अता-पता नहीं।

    वहीं, इस बारे में वरीय नागरिक अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि उत्तर बिहार का आर्थिक केंद्र एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने की वजह से शहर में सिविल डिफेंस कवर दिया था। इसे हटा लिया गया। यह उचित कदम नहीं था। वर्तमान सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

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