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    Muzaffarpur News: निगरानी के हत्थे चढ़ा मुजफ्फरपुर का राजस्व कर्मचारी, घूस लेते किया रंगे हाथ गिरफ्तार

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 08:28 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर में दाखिल-खारिज के लिए 7000 रुपये की रिश्वत लेते राजस्व कर्मचारी पंकज कुमार को निगरानी विभाग ने गिरफ्तार किया। निगरानी एसपी ने डीएम को रिपोर्ट भेजी जिसके बाद कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। रिश्वत की शिकायत अरुण कुमार ने की थी जिसके बाद निगरानी टीम ने कार्रवाई की। गिरफ्तारी के बाद कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है।

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    घूस लेते गिरफ्तार राजस्व कर्मचारी पर चलेगी विभागीय कार्रवाई (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। निगरानी विभाग के हत्थे चढ़े मोतीपुर अंचल के राजस्व कर्मचारी पंकज कुमार पर विभागीय कार्रवाई चलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निगरानी के एसपी ने डीएम को इस कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट भेजी है। उन्होंने अनुसंधान जारी रहने की बात कही है। एसपी ने कहा कि अनुसंधान के क्रम में जो तथ्य सामने आएंगे, उसकी भी रिपोर्ट तैयार भेज दी जाएगी। इसके आलोक में विभागीय कार्रवाई चलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

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    7 हजार रुपये की मांगी रिश्वत

    बताया गया कि दाखिल-खारिज के नाम पर राजस्व कर्मचारी ने सात हजार रुपये घूस मांगी थी। पीड़ित अरुण कुमार की ओर से इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की गई। विभाग ने अपने स्तर से छानबीन की तो मामला सही पाया गया।

    इसके बाद राजस्व कर्मचारी को रंगेहाथ घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया। निगरानी थाना में प्राथमिकी कर उसे जेल भेज दिया गया था। रिश्वतखोरी में पकड़े जाने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया और अब विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

    पुरनहिया के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी निलंबित, चलेगी विभागीय कार्रवाई

    भ्रष्टाचार और अधिकारियों के आदेश की अवहेलना को लेकर पुरनहिया के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी झुन्नू मल्लिक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही झुन्नू मल्लिक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय की रिपोर्ट के आधार पर खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग में सरकार के उपसचिव चीरेंद्र कुमार प्रसाद ने यह कार्रवाई की है।

    एसडीओ अविनाश कुणाल ने बताया कि भ्रष्टाचार को लेकर पुरनहिया के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ अब विभागीय कार्रवाई चलेगी। बताया कि निलंबन अवधि में झुन्नू मल्लिक का मुख्यालय उपनिदेशक कार्यालय खाद्य, मगध प्रमंडल गयाजी बनाया गया है

    ।बताते चलें कि वर्ष 2024 से ही भ्रष्टाचार को लेकर झुन्नू मल्लिक सूर्खियों में रहे। उन्होंने अनुकंपा के आधार पर पीडीएस दुकान के लिए आवेदक एनआर रसीद के नाम पर 22 हजार रुपये की वसूली की थी। आवेदक द्वारा शिवहर कोर्ट में मुकदमा दायर कराया गया था। इस संबंध में झुन्नू मल्लिक से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसका उन्होंने संतोषजक जवाब नहीं दिया था।

    वहीं, विभागीय सचिव द्वारा नौ सितंबर 2024 को समीक्षा में पाया गया था कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के लागिन से पांच हजार लाभुकों का ई-केवाईसी अस्वीकृत कर दिया गया था। जिसमें आरोप पत्र गठित करने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा बैठक से अनुपस्थित रहने को लेकर 14 अक्टूबर 2024 को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी का वेतन स्थगित कर दिया गया था।

    राशन कार्ड के लिए प्राप्त आवेदन कें निष्पादन में अनियमितता व लगातार अनुपस्थित रहने को लेकर मांगे गए स्पष्टीकरण का भी जवाब उनके द्वारा नहीं दिया गया था। एसडीओ द्वारा की गई जांच में राशन कार्ड के आवेदन में मिली अनियमितता को लेकर भी वे तलब किए गए थे।

    मामले में जारी स्पष्टीकरण का उन्होंने माकूल जवाब नहीं दिया था। 01 अप्रैल 2024 को जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने अनियमितता, भ्रष्टाचार और अधिकारियों के आदेश के प्रति बेपरवाही को लेकर जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इसके आलोक में उन्हें निलंबित कर दिया गया