Minapur vidhan sabha Seat 2025: विकास के दावों के बीच समस्याओं की गठरी भारी
Minapur Assembly Seat 2025 बूढ़ी गंडक के चांदपरना घाट पर अभी तक पुल नहीं बन सका। मजबूरी में लोग नाव के सहारे आवागमन करते हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश में होती है। इस वजह से छह की जगह 20 किमी की दूरी को तय करना लोगों की मजबूरी बन गई है। इस बारे में विधायक बोलेकई बार उठाई आवाज।

अर्जुन कुमार सिंह, मीनापुर (मुजफ्फरपुर)। Bihar Vidhan sabha Chunav 2025 / Minapur vidhan sabha Seat 2025 / Minapur Assembly Seat 2025: अमर बलिदानी जुब्बा सहनी की धरती। माओवादियों के प्रभाव के कारण इलाके को विशेष सहायता मिली। इसके बावजूद अपेक्षित विकास नहीं हो सका। विधानसभा का चुनाव का बिगुल फिर बजने वाला है। हर बार की तरह चांदपरना पुल बड़ा मुद्दा बनेगा।
मीनापुर प्रखंड के चांदपरना बूढ़ी गंडक नदी के उस पार में लगभग 40 हजार की आबादी बसी है। नाव ही उनके आवागमन का एकमात्र सहारा है। बाढ़ व बरसात के मौसम में प्रखंड मुख्यालय से महज छह किलोमीटर दूर के गांवों के लोगों को पुल नहीं रहने के कारण लगभग 20 किमी की दूरी तय करनी होती है।
इन सभी मुद्दों के बीच वर्ष 2015 से अब तक राजद विधायक के रूप में निर्वाचित मुन्ना यादव क्षेत्र में लगातार विकास की बात कह रहे हैं। उनके दावे को विरोधी महज कागजी बता रहे। कह रहे कि उनके रहते मीनापुर का विकास नहीं हो सकता है।
क्षेत्र में ये हैं बड़े मुद्दे :
नवोदय विद्यालय, आइटीआइ, किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज व लीची बिक्री केंद्र, अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय की आस में जनता टकटकी लगाकर बैठी है।
मीनापुर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय बहबल बाजार का भवन जर्जर होने के कारण बच्चों को पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है।
जो लोगों ने कहा-
मुस्तफागंज बाजार मीनापुर विधानसभा की राजधानी मानी जाती है। चुनाव की दिशा और दशा इसी बाजार में बैठकर तय की जाती है। बावजूद इसके इस बाजार में शुद्ध पानी है ना शौचालय की व्यवस्था। किसान यहां सब्जी की खरीद-बिक्री करने आते हैं, लेकिन अगर हल्की सी बारिश हो जाए तो स्थानीय दुकानदार से लेकर व्यापारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नाला निर्माण नहीं होने से जलजमाव की समस्या हो जाती है।
अशोक शर्मा उर्फ राकी, मुस्तफागंज बाजार
पिछले चुनाव में विधायक ने कहा था कि अगर वह जीतकर आते हैं तो यहां के किसानों को बिचौलियों के हाथों लीची बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लीची खरीद-बिक्री केंद्र खोलेंगे, ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके। पांच साल बीत गए, अब तक केंद्र नहीं बन पाया।
सुनील कुमार कुशवाहा, गंज बाजार
चांदपरना घाट पर पुल निर्माण के लिए वर्ष 2014 में प्रथम बार प्रखंड मुख्यालय पर अनशन किया था। 2016 में दूसरी और 2018 में तीसरी बार अनशन किया । 2022 में चांदपरना घाट से पैदल मार्च करते हुए पटना तक गए थे, लेकिन अब तो भरोसा उठ गया है कि इस पुल को बनते देख पाएंगे।
राज नंदन सहनी, ग्रामीण, मानिकपुर
मीनापुर में किसानों की संख्या ज्यादा है। बावजूद इसके किसान हित में एक भी काम नहीं हुआ है। पांच सालों से बिस्कोमान भवन बंद होने के कारण किसानों को दोगुनी कीमत पर खाद खरीदनी पड़ती है।
मंगल प्रसाद, किसान, सोढ़ना
वर्ष 2015 से लगातार 2025 तक माननीय विधायक ने जनता के हित में एक भी काम नहीं हुआ है। चुनाव के समय जो वादा करके चुनाव जीते थे, उनमें से एक भी काम नहीं हुआ है।
अजय कुशवाहा, पूर्व प्रत्याशी, लोजपा
मुन्ना यादव के विधायक के रहते जनता की भला नहीं हो सकता है। सिर्फ उनके और परिवार के लोगों का विकास हुआ है। किए गए वादों में एक भी काम नहीं कर पाए हैं मीनापुर में।
मनोज कुमार किसान, पूर्व एनडीए प्रत्याशी
आइटीआइ के लिए जमीन अधिग्रहण की समस्या आ रही है। चांदपरना घाट पर पुल निर्माण के लिए कई बार सदन में आवाज उठाई, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई है। किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया जा रहा है। जर्जर विद्यालय भवन के बारे में जानकारी नहीं है। अपने कार्यकाल में लगभग 350 सड़क, सात स्कूल भवन, दो पावर ग्रिड, तीन माडल थाना, 32 कब्रिस्तानों की घेराबंदी और 70 चबूतरों का निर्माण कराया है।
मुन्ना यादव, विधायक
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