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    Muzaffarpur News: अमर बलिदानी खुदीराम बोस की याद में मैराथन, जगह-जगह पौधारोपण

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 01:24 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में खुदीराम बोस को अनूठी श्रद्धांजलि दी गई। उनके गांव से मिट्टी और माता का प्रसाद लाया गया। ग्रामीणों ने स्मारक स्थल पर उनकी प्रतिमा को राखी बांधी। शोधकर्ता अरिंदम भौमिक ने 54 किलोमीटर की मैराथन दौड़ लगाई और रास्ते में 12 स्थानों पर पौधारोपण किया गया। यह श्रद्धांजलि खुदीराम बोस की अंतिम इच्छा को समर्पित थी।

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    अरिंदम भौमिक ने स्मारक स्थल से मैराथन दौड़ की। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: अमर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा परिसर में उनके फांसी स्थल और सेल की सजावट की तैयारियां चल रही हैं। केंद्रीय कारा अधीक्षक यूसुफ रिजवान की देखरेख में रंग-रोगन का कार्य तेजी से हो रहा है।

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    इस बीच, खुदीराम बोस के गांव से प्रकाश कुमार हलधर, अनुप मल्लिक, पंपा मल्लिक, रवींद्रनाथ देव, टुम्पा डे, कल्याणी मेहता और तुहीन मेहता यहां देवी मंदिर का प्रसाद और गांव की मिट्टी लेकर आ रहे हैं। यह टोली 10 अगस्त की सुबह खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर जाकर उनकी प्रतिमा को राखी बांधकर श्रद्धांजलि देगी। वहीं उनके ग्रामीण अरिंदम भौमिक ने स्मारक स्थल से मैराथन दौड़ की।

    खुदीराम बोस स्मारक स्थल से शुरू हुई मैराथन दौड़, अनूठी श्रद्धांजलि : अमर बलिदानी के ऐतिहासिक मार्ग पर आज विशेष श्रद्धांजलि यात्रा आयोजित हुई। यह वही मार्ग है, जिस पर 10 अगस्त की रात 8:30 बजे खुदीराम बोस ने मुजफ्फरपुर में बम फेंका था और पूरी रात दौड़ते हुए सुबह 42 किलोमीटर दूर पूसा रोड स्टेशन पर गिरफ्तार हुए थे।

    इसी मार्ग पर उनके गांव के शोधकर्ता अरिंदम भौमिक ने मैराथन दौड़ लगाई। उन्होंने मुजफ्फरपुर से पूसा स्टेशन तक लगभग 54 किलोमीटर की दूरी तय की। यात्रा के दौरान 12 स्थानों पर रुककर श्रद्धांजलि दी गई और बसंत सुंदरी के पौधे लगाए गए।

    इनमें खुदीराम बोस स्मारक स्थल, शेरपुर रेलवे क्रासिंग, नारायणपुर अनंत, त्रिवेणी नहर, गेट संख्या 97, सिलौत, सिहो, ढोली, सकरा गांव (सोहनलाल आजाद का घर), दुबहा, विष्णुपुर बथुआ और पूसा रेलवे स्टेशन शामिल हैं।

    अरिंदम ने बताया कि प्रत्येक स्थान पर मेदिनीपुर की मिट्टी और सिद्धेश्वरी काली मां के चरणामृत से पौधारोपण किया गया। यह श्रद्धांजलि उनकी अंतिम इच्छा को समर्पित है।

    जिसमें उन्होंने मेदिनीपुर की मिट्टी को छूने और सिद्धेश्वरी काली मां के चरणामृत का पान करने की कामना व्यक्त की थी। इस यात्रा में सोहनलाल आजाद साइकिल से और बैजू कुमार बाइक से साथ रहे। जगह-जगह लोगों ने उनका स्वागत किया।